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Bihar News : पटना जू को अंतर्राष्ट्रीय लुक देने में जुटी बिहार सरकार, 11 थीम बेस्ड पार्क का होगा निर्माण, अगले महीने से शुरू होगी प्रक्रिया

Bihar News : पटना जू को अंतर्राष्ट्रीय लुक देने की प्रक्रिया में बिहार सरकार जुट गयी है. अब जू के भीतर 11 थीम बेस्ड पार्क बनाये जायेंगे. जिसकी शुरुआत अगले महीने से की जाएँगी...पढ़िए आगे

Bihar News : पटना जू को अंतर्राष्ट्रीय लुक देने में जुटी बिहार सरकार, 11 थीम बेस्ड पार्क का होगा निर्माण, अगले महीने से शुरू होगी प्रक्रिया
पटना जू में बनेंगे 11 थीम बेस्ड पार्क - फोटो : VANDANA

PATNA : बिहार सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रेम कुमार ने कहा की पटना के संजय गांधी जैविक उद्यान में अगले माह से प्रदेश का पहला थीम बेस्ड पार्क बनाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। पार्क के भीतर विभिन्न थीम पर आधारित 11 गार्डन होंगे। जिसमें तितली गार्डन, मसाला गार्डन, रेनबो गार्डन, विकास उद्यान, टॉकिंग गार्डन, बोन्साई गार्डन, इनफॉर्मल गार्डन, मूर्तिकला उद्यान, सुगंध उद्यान, डेमोक्रेटिक गार्डन, एक्वेटिक/फ्लोटिंग गार्डन शामिल है। उन्होंने कहा की अभी तक फिल्मों में थीम बेस्ड पार्क देखने को मिलते हैं। उन्होंने कहा की विजिटर्स को लुभाने व चिड़ियाघर को अंतरराष्ट्रीय लुक देने के लिए यह पहल की जा रही है।

दरअसल बढ़ती ठण्ड को देखते हुए पटना जू में वन्य जीवों के रख-रखाव हेतु किये जा रहे क्रिया-कलापों का वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रेम कुमार ने पटना जू के वन्यजीवों के इंक्लोजरों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने उक्त बातें उनके द्वारा हूलॉक गिब्बन, टाईगर, पक्षी केज, चितल, जेबरा, जिराफ, हाथी एवं स्मॉल कैट इंक्लोजर का निरीक्षण किया गया एवं जू पदाधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। निरीक्षण के क्रम में निदेशक, संजय गाँधी जैविक उद्यान, पटना द्वारा मंत्री को विगत वर्षों से चल रहे प्रचलित व्यवस्था के आलोक में ठण्ड के मौसम में वन्यजीवों के ठण्ड से बचाव हेतु एहतियातन तौर पर किये गये सभी कार्यों की जानकारी दी गयी। उनके द्वारा बताया गया कि सभी इंक्लोजरों में वन्यजीवों के ठण्ड से बचाव हेतु सभी कार्य माह अक्टूबर, 2024 से ही प्रारंभ किये गये है। जिसमें सभी वन्यजीवों के नाईट हाउस के खिड़की एवं अन्य वेंटिलेशन की खुली जगह फुस घास एवं बाँस की चचरी से बंद किये गये है ताकि शीतलहर में नाईट हाउस में बैठे वन्यजीवों को ठण्ड ना लगे। सभी नाईट हाउस के सेल में वन्यजीवों को बैठने के लिए लकड़ी के प्लेटफार्म रखे गये है ताकि वन्यजीव को जमीन से ठण्ड न लगे। नाईट हाउस में ऑयल हीटर लगाये गये है ताकि नाईट हाउस का सामान्य तापमान बना रहे। प्राइमेट्स प्रजाति के वन्यजीव जैसे बंदर, लंगूर, चिपाजी, हूलॉक गिब्बन, लॉयन टेल मकाक इत्यादि वन्यजीवों को कंबल दिये गये है। सरीसृप प्रजाति के वन्यजीव जैसे अजगर, कोबरा, वाइपर, धामीन इत्यादि वन्यजीवों के सेल में फर्श पर कंबल बिछाए गये है। साथ ही इनके सेल में सामान्य तापमान बनाए रखने हेतु बल्ब लगाये गये है। 

वहीँ शाकाहारी वन्यजीवों के लिए उनके इंक्लोजर के शेड में पुआल का बेड बनाया गया है एवं पूर्वी एवं पश्चिमी ठण्डी शीतलहर से बचने के लिए फुस घास एवं बॉस की चचरी से घेरान किया गया है। शीतलहर के दौरान हाथी के पूरे शरीर को नियमित अंतराल पर सरसों तेल की मालिश की जा रही है एवं आहार में पर्याप्त गन्ना, सोयाबिन, मौसमी फल एवं धान उबाल कर दिया जा रहा है। वन्यजीवों को कैल्शियम एवं मल्टीविटामिन की दवाईयाँ दी जा रही है। प्रत्येक वर्ष की भाँति मांसाहारी वन्यजीवों के आहार में बढ़ोतरी की गयी है। चिपांजी को च्यवनप्राश, शहद, गुड़ की खीर, आँवला का मुरब्बा एवं मौसमी फल दिये जा रहे है। भालू को आहार में मौसमी फल, शहद, अण्डा, गुड़ की खीर, गन्ना इत्यादि दिये जा रहे है। पक्षियों के इंक्लोजर में शीतलहर से बचने के लिए प्लास्टिक शीट्स एवं एगरोनेट से घेरान किये गये है ताकि आवश्यक प्रकाश एवं वेंटिलेशन बना रहे। शीतलहर से बचाव हेतु जेबरा एवं जिराफ इंक्लोजर के नाईट-हाउस तथा प्रदर्श क्षेत्र में पुआल बिछाये गये है।

वंदना की रिपोर्ट

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