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जमीन अधिग्रहण के मुआवजे अब नहीं होगी देरी, रैयतों के लिए सरकार ने उठाया बड़ा कदम

सरकार ने जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया में पारदर्शिता और दक्षता लाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। अब रैयतों को समय पर और पूर्ण रूप से मुआवजा मिलेगा।

जमीन अधिग्रहण के मुआवजे अब नहीं होगी देरी, रैयतों के लिए सरकार ने उठाया बड़ा कदम

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया में पारदर्शिता और दक्षता लाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने सभी भू-अर्जन पदाधिकारियों (डीएलएओ) को निर्देश दिया है कि वे रैयतों को उनके जमीन के बदले मिलने वाले मुआवजे का भुगतान समय पर और पूर्ण रूप से करें।

खतियान अपडेट करने का निर्देश : सिंह ने कहा कि कई बार खतियानों में पुरानी जानकारी होने के कारण मुआवजे का निर्धारण करने में समस्या आती है। उन्होंने डीएलएओ को निर्देश दिया है कि वे खतियानों को अद्यतन करें ताकि मुआवजे की राशि का सही आकलन किया जा सके। उदाहरण के लिए, यदि किसी खतियान में एक जमीन को कृषि भूमि दिखाया गया है, लेकिन वर्तमान में उसका उपयोग आवासीय उद्देश्यों के लिए हो रहा है, तो मुआवजे की गणना करते समय इस तथ्य को ध्यान में रखा जाना चाहिए।

बाजार मूल्य का पालन अनिवार्य : अपर मुख्य सचिव ने कहा कि जमीन का मुआवजा बाजार मूल्य के अनुसार ही दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर बाजार मूल्य का निर्धारण करने की प्रक्रिया का सही तरीके से पालन किया जा रहा है तो फिर मुआवजे में देरी क्यों हो रही है। उन्होंने डीएलएओ को निर्देश दिया कि वे स्थानीय बाजार में जमीन की कीमतों का सर्वेक्षण करें और उसी के आधार पर मुआवजे की राशि तय करें।

प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन: विभाग ने जमीन सर्वे और भू-अर्जन से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए डीएलएओ के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में डीएलएओ को 1894 और 2013 के अधिनियमों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। साथ ही, उन्हें जमीन सर्वेक्षण के नवीनतम तरीकों और तकनीकों के बारे में भी बताया गया।

रिकॉर्ड रखने का महत्व: सिंह ने कहा कि रैयतों को दिए गए मुआवजे का उचित रिकॉर्ड रखना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि इससे भविष्य में किसी भी तरह की समस्या होने पर रिकॉर्ड की मदद ली जा सकती है। विभाग ने सभी डीएलएओ को निर्देश दिया है कि वे एक डिजिटल रिकॉर्डिंग सिस्टम का उपयोग करें ताकि सभी जानकारी एक ही जगह पर सुरक्षित रहे।

लारा कोर्ट में पेंडिंग केस कम करने का प्रयास: अपर मुख्य सचिव ने कहा कि डीएलएओ को छोटी-मोटी समस्याओं का निपटारा स्वयं करना चाहिए। इससे लारा कोर्ट में पेंडिंग केस कम होंगे। उन्होंने कहा कि यदि कोई मामला बहुत जटिल है, तो ही उसे लारा कोर्ट में भेजा जाना चाहिए।

विभाग के सचिव का बयान : विभाग के सचिव जय सिंह ने कहा कि जमीन सर्वे एक जटिल प्रक्रिया है और इसके लिए लगातार प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि विभाग इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करता रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि विभाग जल्द ही एक ऑनलाइन पोर्टल लॉन्च करेगा, जिसके माध्यम से लोग जमीन से संबंधित सभी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।

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