Bihar School News: बिहार सरकार ने सरकारी स्कूलों के जीर्णोद्धार और पर्यावरण सुधार के लिए नई योजना बनाई है। इसके तहत हर तीन वर्ष में स्कूलों की रंगाई-पुताई और बड़े मरम्मत कार्य किए जाएंगे। इसमें भवन निर्माण, बाउंड्रीवाल, और शौचालय निर्माण शामिल है। वहीं, छोटे मरम्मत कार्य, जैसे परिसर की सफाई और क्षतिग्रस्त फर्श को ठीक करना, एक सप्ताह के भीतर पूरा किया जाएगा। यह काम नए सत्र से शुरू होगा, जिसमें छुट्टियों के दौरान बड़े काम किए जाएंगे।
रंगों का चयन छात्रों के अनुकूल होगा
रंग योजना छात्रों को ध्यान में रखकर तय की गई है। प्राइमरी स्कूलों की बाहरी दीवारें गुलाबी रंग की होंगी और बॉर्डर मैरून रंग का होगा। अंदर सफेद रंग किया जाएगा। उच्च और उच्चतर माध्यमिक स्कूलों की बाहरी दीवारें ग्रे और बॉर्डर नीले रंग की होंगी। अंदर सफेद रंग का इस्तेमाल किया जाएगा।
स्कूलों में पौधरोपण की योजना
स्कूल परिसरों में पौधरोपण किया जाएगा। जिसमें स्कूल के क्षेत्रफल के अनुसार आम, अमरूद, लीची, पीपल, बरगद, पाकड़ और जामुन के पौधे लगाए जाएंगे। साथ ही फूलों के पौधे लगाने के लिए क्यारियां बनाई जाएंगी। पौधरोपण के दौरान छात्रों को पर्यावरण की जानकारी दी जाएगी। जिससे वे पौधों की देखभाल में सहयोग करें और उन्हें सुरक्षित रखें।
साप्ताहिक मॉनिटरिंग
डेस्क-बेंच, ब्लैक बोर्ड, शौचालय, पेयजल, बाउंड्रीवाल और परिसर की स्थिति की साप्ताहिक मॉनिटरिंग की जाएगी। मॉनिटरिंग का जिम्मा हेडमास्टर और ब्लॉक स्तर के शिक्षा अधिकारियों को सौंपा जाएगा। 50,000 रुपये तक के काम एक सप्ताह में पूरे किए जाएंगे। इन खर्चों के लिए स्कूल की संचित निधि का उपयोग होगा। यदि 25,000-35,000 रुपये खर्च होते हैं, तो शिक्षा विभाग तुरंत निधि की भरपाई करेगा।
मरम्मत कार्य में शामिल होंगे
स्कूलों के मरम्मत कार्य में शौचालय और नल की मरम्मत, सबमर्सिबल, पाइप और ओवरहेड टैंक की मरम्मत और खिड़कियां, दरवाजे, किचन और प्रयोगशाला सामग्री की मरम्मत शामिल है। नए साल में सरकारी स्कूलों में साफ-सफाई और पर्यावरण की शिक्षा पर जोर दिया जाएगा। स्कूलों की स्थिति बेहतर किया जाएगा। स
क्या कहते हैं शिक्षा मंत्री
इस मामले में शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि बिहार के स्कूलों को जीर्णोद्धार और पर्यावरण अनुकूल बनाने की योजना है। इन योजनाओं से स्कूलों का माहौल बेहतर होगा। छात्रों को पढ़ाई के साथ पर्यावरण और साफ-सफाई के महत्व की जानकारी भी मिलेगी। छात्र स्वच्छता और पर्यावरण के प्रति जागरूक होंगे।