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Bihar Health News: राज्य में आयुर्वेदिक दवाओं की कमी, परेशान चिकित्सक अंग्रेजी दवा लिखने को मजबूर

बिहार के सभी आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्रों पर आयुर्वेदिक दवाओं की भारी कमी है।चिकित्सक मरीजों के इलाज के लिए मजबूरन अंग्रेजी दवाएं लिख रहे हैं।हाल ही में 2901 आयुर्वेदिक चिकित्सकों की नियुक्ति हुई है और उन्हें तीन महीने का प्रशिक्षण दिया गया है।

Shortage of Ayurvedic medicines in Bihar
आयुर्वेदिक दवाओं की कमी- फोटो : symbolic

Bihar Health News:  राज्य के आयुर्वेदिक चिकित्सक मरीजों को अंग्रेजी दवाएं लिखने को मजबूर हैं, क्योंकि स्वास्थ्य केंद्रों पर आयुर्वेदिक दवाओं की भारी कमी है। हाल ही में नियुक्त किए गए सैकड़ों आयुर्वेदिक चिकित्सक, जिन्होंने आयुर्वेद में अपनी विशेषज्ञता हासिल की है, उन्हें मरीजों को आयुर्वेदिक उपचार देने के बजाय अंग्रेजी दवाएं लिखनी पड़ रही हैं।

चिकित्सकों का कहना है कि उन्हें मरीजों की मदद करने के लिए योग, प्राणायाम और व्यायाम जैसे उपायों की सलाह देने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचता है। कुछ चिकित्सक मरीजों को बाहर से दवा लाने के लिए दवा का नाम भी लिख देते हैं।राज्य आयुष समिति ने आयुर्वेदिक दवाओं की एक सूची तैयार कर ली है, लेकिन इन दवाओं की आपूर्ति में देरी हो रही है। इस स्थिति से राज्य के आयुर्वेदिक स्वास्थ्य सेवा प्रणाली पर गंभीर प्रश्न उठ रहे हैं। आयुर्वेद में विश्वास रखने वाले मरीजों को इस स्थिति से काफी परेशानी हो रही है।

राज्य में आयुर्वेदिक चिकित्सकों की भर्ती के बावजूद, आयुर्वेदिक दवाओं की कमी के कारण चिकित्सक मरीजों को अंग्रेजी दवा लिखने को मजबूर हैं। यह न केवल आयुर्वेद के सिद्धांतों के विरुद्ध है, बल्कि मरीजों के स्वास्थ्य के लिए भी खतरा है। सरकार द्वारा दवाओं की सूची तैयार करने और टेंडर जारी करने के बावजूद, समस्या का समाधान नहीं हुआ है। आयुर्वेद विशेषज्ञों का मानना है कि आयुर्वेदिक दवाओं के उत्पादन और वितरण को बढ़ावा देने के लिए व्यापक नीतिगत बदलाव की आवश्यकता है।

आयुर्वेदिक दवाओं की कमी एक गंभीर समस्या है जिसका जल्द से जल्द समाधान होना चाहिए। सरकार को इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करनी चाहिए। साथ ही, आयुर्वेदिक चिकित्सकों को अपनी विशेषज्ञता का पूरा उपयोग करने के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध करवाने चाहिए।

पटना से प्रगति शर्मा की  रिपोर्ट

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