Bihar Agriculture News: भारत जैसे कृषि प्रधान देश में खेती किसानों के जीविकोपार्जन का मुख्य आधार है। बदलते समय के साथ खेती में भी आधुनिक तकनीकों का समावेश हो रहा है। सरकार लगातार किसानों को जागरूक कर रही है और नई तकनीक अपनाने के लिए प्रेरित कर रही है। इसका असर अब दिखने लगा है, जहां किसान ड्रोन तकनीक का उपयोग कर खेती को अधिक प्रभावी बना रहे हैं। बिहार सरकार किसानों को आधुनिक खेती के लिए प्रेरित करने में अग्रणी भूमिका निभा रही है।
जहानाबाद में ड्रोन तकनीक पर अनुदान
बिहार के जहानाबाद जिले में ड्रोन तकनीक को बढ़ावा देने के लिए किसानों को प्रोत्साहन और आर्थिक सहायता दी जा रही है। जिला के सहायक निदेशक (पौधा संरक्षण) मो. जावेद आलम के अनुसार, किसानों को ड्रोन खरीदने और ड्रोन के माध्यम से फसलों पर कीटनाशक छिड़काव करने के लिए अनुदान प्रदान किया जा रहा है।
ड्रोन खरीद पर छूट:
किसानों को ड्रोन खरीदने पर 60% अनुदान (अधिकतम ₹3.65 लाख तक) दिया जाएगा। चयनित किसानों को शेष राशि का भुगतान कर ड्रोन खरीदने की अनुमति होगी।
लाभार्थी के लिए आवश्यक पात्रताएं:
इंटरमीडिएट (विज्ञान) उत्तीर्ण होना जरूरी।
जाति प्रमाण पत्र अनिवार्य।
ड्रोन उड़ाने और कीटनाशक छिड़काव के लिए निशुल्क प्रशिक्षण दिया जाएगा।
आवेदन प्रक्रिया:
किसान कृषि यांत्रिकीकरण के OFMAS पोर्टल पर जाकर 26 दिसंबर तक आवेदन कर सकते हैं। लाभार्थियों का चयन लॉटरी प्रक्रिया से किया जाएगा।
ड्रोन से कीटनाशक छिड़काव पर भी अनुदान
ड्रोन से दवा छिड़काव पर भी किसानों को आर्थिक सहायता दी जा रही है।
छिड़काव लागत:
प्रति एकड़ छिड़काव की लागत ₹480 है।
किसानों को केवल ₹240 ही देना होगा।
एक किसान अधिकतम 10 एकड़ जमीन पर छिड़काव के लिए आवेदन कर सकता है।
लक्ष्य:
प्रत्येक प्रखंड में 100 एकड़ और जिले में कुल 700 एकड़ भूमि पर ड्रोन छिड़काव का लक्ष्य निर्धारित है।
ड्रोन छिड़काव योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया
योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को निम्न प्रक्रियाएं पूरी करनी होंगी:
DBT पोर्टल पर पंजीकरण:
किसानों को कृषि विभाग के DBT पोर्टल पर निबंधित होना अनिवार्य है।
आवश्यक दस्तावेज:
जमीन का नक्शा।
फसल का प्रकार।
जमीन का रसीद।
आधार कार्ड।
गैर-रैयत किसानों को स्वघोषणा पत्र के साथ बगल के दो किसानों का गवाह हस्ताक्षर देना होगा।
ऑनलाइन आवेदन:
किसान DBT पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन जमा कर सकते हैं।