Bihar Land Survey: बिहार के सिवान जिले के सभी 19 अंचलों में भूमि-सर्वेक्षण का कार्य जारी है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने जमीन के स्वामित्व से जुड़े विवादों को सुलझाने के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
महिलाओं का स्वामित्व अधिकार: यदि महिलाएं शपथ पत्र के माध्यम से पिता की जमीन पर स्वामित्व का त्याग नहीं करती हैं, तो उनका अधिकार बरकरार रहेगा।
वंशावली में नाम दर्ज करना अनिवार्य: रैयतों को बहन-बेटियों का नाम वंशावली घोषणा में दर्ज करना होगा।
शांतिपूर्ण दखल-कब्जे और चौहद्दीदारों का बयान
जिन मामलों में रैयत का शांतिपूर्ण कब्जा है और स्वामित्व प्रमाण के रूप में केवल लगान रसीद उपलब्ध है, ऐसे मामलों में भूमि के चौहद्दीदारों के बयान के आधार पर निरीक्षण प्रतिवेदन तैयार किया जाएगा। खेसरा के स्वामी के रूप में रैयत का नाम होने पर उसके नाम से खाता खोला जाएगा।
अनाबाद जमीन पर दखल का प्रावधान
यदि किसी रैयत के नाम पर खेसरा पर कब्जा है, लेकिन जमाबंदी और रसीद नहीं है, तो उस जमीन का खाता अनाबाद बिहार सरकार के नाम से खुलेगा। अभियुक्ति कॉलम में अवैध दखलकार का नाम दर्ज किया जाएगा। जिन जमीनों पर मकान बने हुए हैं और वे सर्वे-खतियान में बिहार सरकार के खाते में दर्ज हैं, वहां साक्ष्यों के आधार पर रैयती खाता खोला जाएगा।
सहमति आधारित बंटवारा और खाता खोलने के प्रावधान
आपसी सहमति से हुआ हस्ताक्षरित बंटवारा मान्य होगा, और इसके आधार पर संबंधित पक्षों का खाता खुलेगा। यदि हिस्सेदारों के बीच असहमति है, तो संयुक्त खाता खोला जाएगा। निबंधित बंटवारा या न्यायालय द्वारा स्वीकृत बंटवारे के आधार पर हिस्सेदारों के अलग-अलग खाते खोले जाएंगे।
कैडेस्ट्रल और रिवीजनल सर्वे के विवादों का निपटारा
यदि किसी खेसरा को कैडेस्ट्रल सर्वे में रैयती माना गया है लेकिन रिवीजनल सर्वे में बिहार सरकार के खाते में दर्ज है और सिविल सूट में रैयत के पक्ष में निर्णय हुआ है, तो खेसरा को रैयती माना जाएगा।
क्रेता के स्वामित्व और निबंधन सत्यापन
अगर किसी क्रेता का जमीन पर शांतिपूर्ण कब्जा है, तो निबंधन कार्यालय से केवाला का सत्यापन कराकर उसके नाम से खाता खोला जाएगा। विशेष सर्वेक्षण की प्रक्रिया में यदि किसी हिस्सेदार को पूर्व बंटवारे पर असहमति है, तो संयुक्त खाता दोबारा खोला जाएगा।