Bihar News: बिहार में बिजली आपूर्ति व्यवस्था को और मजबूत बनाने के लिए सरकार ने एक महत्वाकांक्षी योजना शुरू की है। इस योजना के तहत बिहार के हर कोने में बिजली वितरण तंत्र को दुरुस्त किया जाएगा। इस योजना को पूरा करने के लिए कंपनी ने लगभग आठ हजार करोड़ रुपये खर्च करने का फैसला किया है।
राज्य में बढ़ती बिजली की खपत को देखते हुए लगभग 80 हजार नए ट्रांसफार्मर लगाए जाएंगे। इससे बिजली की आपूर्ति में सुधार आएगा और बिजली कटौती की समस्या कम होगी। पुराने और खराब तारों को बदला जाएगा। इसके साथ ही अधिक क्षमता वाले नए तार भी लगाए जाएंगे। इससे बिजली चोरी कम होगी और बिजली की गुणवत्ता में सुधार आएगा।
बिजली के खंभे भी बदले जाएंगे। सालों पहले लगे पोल को भी बदले जाएगें। कंपनी ने राज्य भर में पौने दो लाख नए एसटीपी पोल लगाने का निर्णय लिया है। कंपनी अधिकारियों के अनुसार, इन योजनाओं पर काम शुरू हो गया है। कार्ययोजना बना ली गई है। अब एजेंसियों के चयन का काम शुरू होगा। वितरण व्यवस्था को दुरुस्त करनेवाली इन योजनाओं को अगले दो सालों के भीतर पूरा कर लिया जाएगा। कंपनी को भरोसा है कि इन कार्यों के पूरा होने पर राज्य के बिजली उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण बिजली दी जा सकेगी। लोगों को निर्बाध बिजली मिलेगी। लो-वोल्टेज की समस्या खत्म होगी। गली-मोहल्लों में तार टूटने की घटनाएं नगण्य हो जाएंगी।
इससे बिजली लाइनें मजबूत होंगी और बिजली गुल होने की समस्या कम होगी।गली-मोहल्लों में लगभग एक लाख किलोमीटर केबल तार बिछाए जाएंगे। इससे बिजली की आपूर्ति में सुधार आएगा और बिजली की चोरी रोकने में मदद मिलेगी। इस मद में लगभग 500 करोड़ खर्च होंगे। गली-मोहल्लों में नए पोल लगाए जाएंगे। 30 लाख पोल लगाने का निर्णय लिया गया है। इस मद में 1200 करोड़ खर्च होंगे। उच्च्च क्षमता के 10 हजार किलोमीटर से अधिक केबल तार लगाए जाएंगे। इस मद में 400 करोड़ से अधिक खर्च होने का अनुमान है।इस योजना का मुख्य लक्ष्य बिहार में बिजली की आपूर्ति को सुचारू बनाना है। इस योजना के पूरा होने के बाद बिहार के लोगों को 24 घंटे बिजली मिल सकेगी।
इस योजना को पूरा करने में लगभग आठ हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसमें ट्रांसफार्मर लगाने पर 1200 करोड़ रुपये, तार बदलने पर 2200 करोड़ रुपये और केबल तार बिछाने पर ढाई हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे।