HAJIPUR - बिहार के सुशासन बाबू का स्वास्थ्य सिस्टम का पोल खुल गया है। अब जिले के स्वास्थ्य सिस्टम को ठीक करने एवं पूरे जिले में स्वास्थ्य सिस्टम को सुचारू रूप से जिले भर में चलाने की जिम्मेदारी जिनके कंधे पर है, उन्हीं के कार्यालय के सामने एक महिला ने सड़क पर ही बच्चे को जन्म दे दिया।
नहीं मिला स्ट्रेचर तो पैदल ही जाने लगी प्रसुता
बताया गया कि प्रसव पीड़ा के दौरान महिला को परिवार वाले हाजीपुर सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में लेकर पहुंचे थे। वहां पहुंचते ही महिला को प्रसव वार्ड में जाने की बात कही गई लेकिन महिला को इमरजेंसी वार्ड में स्ट्रेचर महिला को उपलब्ध नहीं कराया गया। इसके बाद महिला को पैदल ही परिवार वाले लेकर जा रहे थे।
लेकिन जैसे ही वैशाली सिविल सर्जन के कार्यालय के समीप महिला पहुंची वैसे ही महिला ने बच्चों को जन्म दे दिया। यह खबर जैसे ही अस्पताल प्रशासन को पता चली पूरे अस्पताल में स्वास्थ्य कर्मियों के बीच अफरा-तफरी मच गई। दौरे-दौरे सदर अस्पताल के प्रबंधक एवं तमाम स्वास्थ्य कर्मी पहुंचे। जहां पर बच्चों को जन्म देने के बाद स्वास्थ्य कर्मी एवं परिवार वालों की मदद से महिला को प्रसव वार्ड में इलाज के लिए भिजवाया गया।
जच्चा और बच्चा दोनों सही है और दोनों का इलाज हाजीपुर सदर अस्पताल में डॉक्टर के द्वारा किया जा रहा है। महिला की पहचान हाजीपुर के बलवा कुंवारी निवासी कुंदन मलिक की 26 वर्षीय पत्नी ललिता देवी के रूप में हुआ है। जिसका इलाज सदर अस्पताल में डॉक्टर के द्वारा अब किया जा रहा है।
अस्पताल प्रबंधक तनवीर अली ने कहा की महिला को प्रसव वार्ड की जानकारी नहीं थी और महिला इमरजेंसी वार्ड में चली गई थी उसे प्रसव वार्ड में जाने के लिए कहा गया, लेकिन रास्ते में ही महिला ने बच्चों को जन्म दे दिया। जैसे ही पता चला वैसे ही नर्स एवं स्ट्रेचर मंगवाकर उसे पर प्रसव वार्ड में इलाज के लिए भर्ती कर दिया गया है।
REPORT - RISHAV KUMAR