Bihar News: बंगाल में आलू के क्राइसिस के बाद खुद के राज्य में क्राइसिस को कम करने के लिए बंगाल सरकार ने अन्य प्रदेशों में फिलहाल आलू के निर्यात पर रोक लगा दिया है, ऐसे में बंगाल से सटे सीमांचल के सबसे बड़े आलू मंडी में से एक कटिहार न्यू मार्केट आलू मंडी में इसको लेकर कोई खास असर दिखने को नहीं मिल रहा है. आलू के आरत मालिकों के माने तो कटिहार समेत बिहार आलू के मामले में पहले से ही आत्मनिर्भर रहा है, इसके अलावे पंजाब से भी कटिहार के बाजारों तक आलू सप्लाई जारी है,इस लिए फिलहाल कोई खास दिक्कत नहीं है, जहां तक बंगाल के आलू की बात है तो फरवरी से शुरू होकर मई तक ही कटिहार का बाजार कुछ हद तक बंगाल के आलू पर आश्रित रहता है, इसके बाबजूद फ़िलहाल पिछले साल के मुकाबले इस साल अभी कटिहार में आलू की बड़ी हुई कीमत के कारण को लेकर आलू व्यापारी कहते हैं इस बार मौसम के मार के कारण देर से किसानों की आलू खेती किया था.
जिस कारण अब तक पूरा आलू बाजार में नहीं आ पाया है और अभी भी पिछले साल से अधिक इस समय आलू का कुछ कीमत ज्यादा है लेकिन एक-दो दिन के अंदर यह स्थिति भी सामान्य हो जाएगा।
पश्चिम बंगाल ने रोके आलू-प्याज के ट्रक, बिहार ने दवाई, कपड़ा, राशन की सप्लाई ठप करने की धमकी दी है।
वहीं किशनगंज नगरपरिषद चेयरमैन इंद्रदेव पासवान ने बंगाल सरकार के इस तानाशाही पूर्ण रवैये के खिलाफ बिगुल फूंक दिया है। उन्होंने अविलंब पश्चिम बंगाल के अफसरों से इस मंडी को पहले की तरह चालू रखने की अपील की है। ऐसा नहीं होने पर उन्होंने ऐलान किया है कि ईंट का जवाब पत्थर से दिया जाएगा।उन्होंने कहा कि किशनगंज से पश्चिमबंगाल के उत्तर दिनाजपुर और दार्जिलिंग जिले में दवाई, कपड़ा, राशन किराना आदि की सप्लाई पर किशनगंज के लोग भी रोक लगा देंगे। तब बंगाल सरकार को होश आएगा। उन्होंने कहा कि हाइवे पर गाड़ियां रोकने का बंगाल सरकार को कोई अधिकार नहीं है, यह असंवैधानिक है। इस संबंध में बंगाल के कुछ भी बोलने से बच रहे हैं।