Darbhanga Maharaj's jewelery theft case: दरभंगा महाराज कामेश्वर धार्मिक न्यास बोर्ड के 108 मंदिरों के जेवरात चोरी के मामले में पटना हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। कोर्ट ने मुख्य आरोपियों उदय नाथ झा और केदारनाथ मिश्र की जमानत याचिका खारिज कर दी है।यह मामला तब प्रकाश में आया जब दरभंगा राज परिवार के युवराज कपिलेश्वर सिंह ने जनवरी 2024 में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। आरोप था कि ट्रस्ट के मैनेजर और एक अन्य व्यक्ति ने मिलकर बैंक लॉकर से करोड़ों रुपये के जेवरात निकालकर बेच दिए।
पुलिस ने इस मामले में कुछ लोगों को गिरफ्तार किया था, लेकिन बाद में उन्हें छोड़ दिया गया था। इस पर युवराज ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हाई कोर्ट ने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए जमानत याचिका खारिज कर दी है।इस पूरे मामले में दरभंगा पुलिस की भूमिका पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। आरोप है कि पुलिस ने दोनों आरोपियों के साथ मिलीभगत की और उन्हें गिरफ्तारी के कुछ घंटों बाद ही छोड़ दिया। इस मामले में दरभंगा यूनिवर्सिटी पुलिस पर भी आरोप है कि उन्होंने आरोपियों को पकड़ने में जानबूझकर कोताही बरती
पटना हाई कोर्ट के जस्टिस अंजनी कुमार शरण ने 2 दिसंबर, 2024 को दोनों आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी। इससे पहले दरभंगा की अदालत भी उनकी जमानत याचिका खारिज कर चुकी थी। अब यह मामला दोबारा दरभंगा पुलिस के पास चला गया है और पुलिस को दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करना होगा।
दरभंगा महाराज के कामेश्वर धार्मिक न्यास बोर्ड के बैंक लॉकर से करोड़ों रुपये के जेवरात चोरी हो गए थे। इस मामले में पुलिस ने एक जेवर व्यवसायी के यहां से गला हुआ 1.6 किलो सोना और 33 किलो चांदी बरामद किया था, लेकिन बाद में तीनों आरोपियों को छोड़ दिया गया था।
पटना हाई कोर्ट के इस फैसले के बाद अब इस मामले और कोई चौंकाने वाले खुलासे होंगे? इन सवालों के जवाब आने वाले समय में मिल सकते हैं।