Munger - मुस्लिम समाज में अक्सर ऐसा देखा जाता है कि बच्चियों की कम उम्र में ही शादी कर दी जाती है। लेकिन मस्जिद के इमाम ने इन बंधनों को तोड़ते हुए अपनी बेटी को पढ़ने की आजादी दी और बेटी ने भी अपने पिता के विश्वास पर खरा उतरते हुए बिहार न्यायिक सेवा परीक्षा में 30वा रैंक प्राप्त कर जज बनी । जिससे पिता का सर समाज में गर्व से ऊंचा उठ गया है ।
पिता मस्जिद के इमाम हैं
बता दें की मुंगेर शहर स्थित तोपखाना बाजार निवासी अब्दुल्ला बुखारी की भतीजी एवं कारी मोहम्मद अहमद बुखारी की पुत्री हबीब बुखारी की सफलता से परिजन में खुशी की लहर है। हबीबा बुखारी के पिता मुंगेर शहर स्थित गुलजार पोखर मस्जिद के इमाम हैं। जबकि हबीबा बुखारी के चाचा अब्दुल्ला बुखारी तोपखाना बाजार स्थित मदरसा के हेड हैं।
लॉ की पढ़ाई अलीगढ़ यूनिवर्सिटी से की है
हबीबा बुखारी मैट्रिक तक की पढ़ाई मुंगेर से की। जबकि इंटर और लॉ की पढ़ाई अलीगढ़ यूनिवर्सिटी से की है। हबीबा बुखारी ने बताया कि आज की बेटियां कुछ भी कर सकती है । मुझे पढ़ाने के लिए परिवार वालों का काफी सहयोग रहा है। जहां हमारे समाज में बेटियों की शादी काफी कम उम्र में कर दी जाती है और हायर एजुकेशन तो काफी मुश्किल से हो पाता है।
परिवार ने इस पढ़ने से कभी नहीं रोका
इस स्थिति में समाज से काफी बाते परिवार को सुनने को मिली पर परिवार ने इस पढ़ने से कभी नहीं रोका । वहीं पिता मोहम्मद अहमद बुखारी ने बताया कि आज बेटो से ज्यादा मेहनत बेटियां करती है। इसलिए उन्हें पढ़ने देना चाहिए । आज उनकी बेटी ने वो मुकाम हासिल किया है। जिसकी चाह हर पिता को होती है ।
मुंगेर से इम्तियाज खान की रिपोर्ट