Bihar News - : इंडियन चेस्ट सोसाइटी, बिहार चैप्टर द्वारा स्थानीय ज्ञान भवन में दो दिवसीय सातवें राष्ट्रीय सम्मेलन बिपकॉन - 2024 का भव्य शुभारंभ किया गया। इस कार्यक्रम में देशभर के चेस्ट रोग विशेषज्ञों ने एकजुट होकर पल्मोनरी चिकित्सा के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करने को लेकर चर्चा की। कार्यक्रम आयोजन समिति के डॉ. प्रशांत कुमार सिंह, डॉ. दीपेंद्र कुमार राय, डॉ. पवन कुमार अग्रवाल, डॉ. सुधीर कुमार, डॉ. आशीष डी सिन्हा, डॉ. वैभव शंकर, डॉ. प्रवीण कुमार शाही व डॉ. प्रणय विनोद ने आगत अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि बिहार सरकार के स्वास्थ्य एवं कृषि मंत्री मंगल पांडेय, विशिष्ट अतिथि डॉ. सत्यजीत कुमार सिंह, डॉ. प्रो. विजय प्रकाश, डॉ. बिभा सिंह, डॉ. रश्मि सिंह, सोसाइटी संरक्षक डॉ. कमलेश तिवारी, डॉ. ए एस सिंह व डॉ. डी पी सिंह के द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया।
इस अवसर देशभर से 500 से अधिक चिकित्सक शामिल हुए। आयोजन समिति के डॉ. प्रशांत कुमार सिंह, डॉ. दीपेंद्र कुमार राय, डॉ. पवन कुमार अग्रवाल, डॉ. सुधीर कुमार, डॉ. आशीष डी सिन्हा, डॉ. वैभव शंकर, डॉ. प्रवीण कुमार शाही व डॉ. प्रणय विनोद ने संयुक्त रूप से बताया कि इस दो दिवसीय कार्यक्रम के तहत देशभर से आए हुए 12 से अधिक वक्ता 15 से अधिक साइंटिफिक सेशन और 8 से अधिक कार्यशाला के माध्यम से चिकित्सकों को नई चिकित्सा पद्धति और तकनीक से अवगत कराएंगे।
उन्होंने बताया कि आज के कार्यक्रम में डॉ. नितेश गुप्ता द्वारा ईबस के ऊपर आरंभिक भाषण दिया गया जबकि बिग अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल के डॉ. श्याम कृष्णन द्वारा ईबस टीबीएनए का लाइव प्रसारण किया गया। उन्होंने कहा कि ब्रोंकोस्कोपी, थोरैकोस्कोपी, स्लीप मेडिसिन थेरेपी, फेफड़े के अल्ट्रासाउंड इको के उपयोग पर विभिन्न कौशल विकास और प्रशिक्षण मॉड्यूल पर आज चर्चा हुई है जो सम्मलेन में शामिल हुए चिकित्सकों के लिए विशेष रूपों से फायदेमंद साबित होगा। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि यह न केवल बिहार, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का क्षण है कि हमारे राज्य में इतने वरिष्ठ और विशेषज्ञ चिकित्सक और वैज्ञानिक एकत्र हुए हैं।
उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम पल्मोनरी चिकित्सा के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करेगा। ऐसे सम्मेलन न केवल चिकित्सकों और वैज्ञानिकों को नवीनतम शोध और तकनीकों से अवगत कराते हैं, बल्कि उन्हें उन उपचारों और तरीकों पर भी चर्चा करने का अवसर प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि यहां जो ज्ञान और अनुभव साझा किए जाएंगे, वे पल्मोनरी चिकित्सा के इलाज में नए आयाम गढ़ेंगे। मुझे विश्वास है कि बिपकॉन - 2024 सम्मेलन न केवल बिहार, बल्कि पूरे देश के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा।