Bihar Teacher News: बिहार के शिक्षा विभाग में एक बड़ा घोटाला सामने आया है। विभाग की जांच में पता चला है कि राज्य के 7221 स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों का कोई रिकॉर्ड ही विभाग के पास नहीं है। यह चौंकाने वाला खुलासा यू-डायस रिपोर्ट की समीक्षा के दौरान हुआ है। अब इन शिक्षकों की तलाश शिक्षा विभाग कर रहा है।
यू-डायस रिपोर्ट क्या है?
दरअसल, यू-डायस रिपोर्ट में सभी स्कूलों के छात्रों और शिक्षकों का विस्तृत डेटा दर्ज होता है, जिसमें शिक्षकों का नाम, पता, योग्यता, अनुभव आदि शामिल होते हैं। यह रिपोर्ट शिक्षा विभाग के लिए बहुत महत्वपूर्ण होती है क्योंकि इसके आधार पर ही विभाग शिक्षकों के वेतन का भुगतान करता है और शिक्षा की गुणवत्ता का आकलन करता है।
क्यों है यह मामला गंभीर?
इस मामले को विभाग गंभीरता से ले रहे है क्योंकि हो सकता है कि इन 7221 स्कूलों में कई ऐसे शिक्षक हों जो कभी स्कूल गए ही नहीं हों और उनका वेतन गलत तरीके से निकाला जा रहा हो। शिक्षकों के अभाव में छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही होगी। वहीं अगर शिक्षकों का वेतन गलत तरीके से निकाला जा रहा है तो यह सरकारी खजाने का दुरुपयोग है।
कौन से जिले हैं प्रभावित
सबसे अधिक लापरवाही मुजफ्फरपुर समेत 11 जिलों में देखी गई है। इन जिलों को 'येलो जोन' में डाल दिया गया है। मुजफ्फरपुर में कुल 4100 स्कूलों में से 686 स्कूलों ने अपने शिक्षकों का ब्यौरा नहीं दिया है। इन जिलों में पूर्वी चंपारण, खगड़िया, शिवहर, गोपालगंज, पटना, वैशाली, मधुबनी, बक्सर, सिवान, सीतामढ़ी और किशनगंज शामिल हैं।
शिक्षा विभाग की कार्रवाई
शिक्षा विभाग ने इन सभी जिलों के अधिकारियों से जवाब मांगा है। विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि जिन शिक्षकों का रिकॉर्ड में नाम नहीं है, उन्हें स्कूल में नहीं माना जाएगा। इसके अलावा, जिन स्कूलों में यह गड़बड़ी पाई गई है, उनके प्रधानाध्यापक, बीईओ और डीपीओ पर भी कार्रवाई हो सकती है। शिक्षा विभाग इस मामले की गंभीरता से जांच कर रहा है। विभाग सभी दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगा।