Bihar Weather: बिहार के गया में ही क्यों पड़ती है हाड़ कंपाने वाली ठंड? इन चीजों की वजह से हो जाता है शिमला जैसा हाल

गया की ठंड को बढ़ाने में इसके भौगोलिक और मौसमी दोनों कारणों का विशेष योगदान है। यहां की पहाड़ियों, चट्टानों और नदियों का वातावरण के साथ संयोजन, और उत्तरी-पश्चिमी बर्फीली हवाएं इस क्षेत्र में ठंड को कड़ाके की बनाती हैं।

Bihar Weather: बिहार के गया में ही क्यों पड़ती है हाड़ कंपान
गया में पड़ती है कड़ाके की ठंड- फोटो : social media

Gaya Weather: गया, बिहार का एक प्रसिद्ध जिला है जो हर साल कड़ाके की ठंड के लिए जाना जाता है। इस जिले में ठंड का प्रकोप इतना ज्यादा होता है कि एक महीने तक लोगों का जीवन प्रभावित हो जाता है। गया में ठंड का मौसम प्रदेश के अन्य हिस्सों से अधिक ठंडा रहता है, जिसके पीछे मौसम वैज्ञानिकों ने दो मुख्य कारण बताए हैं:

1. भौगोलिक कारण:

गया की भौगोलिक स्थिति अन्य जगहों से काफी अलग है। यह एक पठारी इलाका है और तीन तरफ से पहाड़ियों से घिरा हुआ है, जबकि एक ओर फल्गु नदी बहती है। इस क्षेत्र की चट्टानें और रेत ठंड के मौसम में बहुत जल्दी ठंडी हो जाती हैं, जिससे यहां ठंड अधिक समय तक प्रभावी रहती है।

चट्टानें और रेत: चट्टानें और रेत गर्मी के दिनों में जल्दी गर्म और सर्दी के दिनों में जल्दी ठंडी हो जाती हैं, जिससे तापमान में तेजी से गिरावट होती है।

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फल्गु नदी का प्रभाव: फल्गु नदी के चौड़े किनारे की रेत भी ठंड में बहुत तेजी से ठंडी हो जाती है, जो ठंड के प्रभाव को और बढ़ा देती है।

2. मौसमी कारण:

गया में ठंड का दूसरा मुख्य कारण पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) का प्रभाव है। जब पश्चिमी विक्षोभ उत्तरी-पश्चिमी हिमालय पर असर डालता है, तो हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी होती है। इसके बाद, उत्तरी-पश्चिमी ठंडी हवाएं (North-West Winds) सीधे बिहार के दक्षिणी इलाके से होकर गुजरती हैं, जहां गया स्थित है।

नॉर्थ-वेस्ट विंड्स: ये ठंडी हवाएं हिमालय से होकर आती हैं, जो गया के तापमान को और भी गिरा देती हैं, जिससे यहां सर्दी और बढ़ जाती है।

बर्फीली हवा और कोहरा: इन हवाओं के साथ तेज बर्फीली हवा आती है, जो गया में ठंड को विकराल बना देती है और साथ ही कोहरा भी बढ़ा देती है।

शीतलहर और ठंड के प्रकार:

मौसम विशेषज्ञ एसके पटले ने यह भी बताया कि मौसम के विभिन्न शब्दों को कैसे परिभाषित किया जाता है, जैसे शीतलहर, शीत दिवस, और सामान्य तापमान:

शीतलहर (Cold Wave): मैदानी इलाकों में जब न्यूनतम तापमान 10°C या उससे कम हो और यह सामान्य से 4.5°C से 6.4°C तक कम हो, तो इसे शीतलहर कहा जाता है। अगर तापमान 4°C या उससे कम हो, तो भी इसे शीतलहर माना जाता है।

गंभीर शीतलहर (Severe Cold Wave): जब तापमान 2°C तक गिर जाए या सामान्य से 6.4°C से अधिक कम हो, तो इसे गंभीर शीतलहर माना जाता है।

कोल्ड डे (Cold Day): जब न्यूनतम तापमान 10°C से कम हो और अधिकतम तापमान सामान्य से 4.5°C से 6.4°C तक कम हो, तो इसे कोल्ड डे कहा जाता है। अगर अधिकतम तापमान 6.5°C से अधिक गिर जाए, तो यह गंभीर ठंड का दिन होता है।

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