Bihar Weather: नए साल के आगमन पर ठंडी बर्फीली हवाएं चल रही हैं। सूरज के दर्शन नहीं हुए। 2025 का पहला दिन बिहार में अब तक का सबसे ठंडा दिन रहा। साल 2025 का दूसरा दिन यानी गुरुवार को भी ठिठुरन से राहत नहीं मिलेगा। पहाड़ों पर हुई बर्फबारी और पछुआ हवाओं के प्रभाव से प्रदेश में कड़ाके की सर्दी पड़ रही है। पछुआ हवाओं के चलते दिन और रात के तापमान में औसतन चार से पांच डिग्री सेल्सियस का मामूली अंतर रह गया है। इससे गलन और कनकनी का एहसास हो रहा है।
अभी और बढ़ेगी ठंड
राजधानी में हवा की गति 6-8 किमी प्रति घंटा दर्ज की गई है, जो पिछले दो दिनों में दोगुनी हो गई है। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, आने वाले दिनों में हवा की रफ्तार और तेज होगी, जिससे ठंड बढ़ेगी। पटना में न्यूनतम और अधिकतम तापमान के बीच केवल 3.8 डिग्री का अंतर है, जो ठंड की मुख्य वजह है। अधिकतम तापमान 15 डिग्री सेल्सियस जबकि न्यूनतम 11.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। पिछले तीन दिनों में न्यूनतम तापमान में छह डिग्री और अधिकतम तापमान में 10 डिग्री की गिरावट हुई है।
इन जिलों में पड़ेगी हाड़कंपा देने वाली ठंड
बिहार मौसम सेवा केंद्र के अनुसार, अगले दो दिनों तक गोपालगंज, सीवान, सारण, बक्सर, भोजपुर, अरवल, पटना, वैशाली, गया, जहानाबाद, नालंदा, शेखपुरा, लखीसराय, बेगूसराय और खगड़िया जिलों में रात के समय ठिठुरन का अनुभव होगा। इसके अलावा, पटना, भागलपुर, बक्सर, नालंदा, औरंगाबाद, समस्तीपुर, जहानाबाद, पश्चिम चंपारण, गोपालगंज, शिवहर, वैशाली, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया और सहरसा जिलों में अगले तीन दिनों तक देर रात और सुबह के समय घना कोहरा छाया रहेगा।
पूरे राज्य में कोहरे का प्रभाव रहेगा
आइएमडी पटना के पूर्वानुमान के मुताबिक, बिहार के लगभग सभी जिलों में कोहरा या कुहासा छाया रहेगा। दिन में बनने वाली इस खास परिस्थिति के कारण, बादल न होने के बावजूद सूरज के दर्शन मुश्किल हो रहे हैं। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि सुबह बनने वाला कोहरा तेज हवा के कारण सतह से करीब एक से दो हजार फीट ऊपर जाकर परत के रूप में जम जाता है। इससे दिनभर सूरज की किरणें धरती तक नहीं पहुंच पातीं और तापमान में गिरावट आ जाती है। इस स्थिति के चलते लोग दिनभर ठिठुरन महसूस कर रहे हैं।
कोल्ड-डे की बन रही स्थिति
मौसम की इस कड़ी ठंड को देखते हुए जिला प्रशासन ने स्कूलों के समय में बदलाव किया है। सुबह के समय घना कोहरा छाया रहता है। दिन चढ़ने के साथ हवा की रफ्तार बढ़ने पर कोहरा ऊपर उठकर लगभग एक से दो हजार फीट की ऊंचाई पर जाकर ठहर जाता है और धीरे-धीरे धुंध का रूप ले लेता है। इस वजह से आसमान पूरी तरह साफ नजर नहीं आता। सूर्य की गर्मी धरती तक नहीं पहुंच पाती, जिससे कोल्ड-डे जैसी परिस्थितियां बन जाती हैं।