Chapra Boat Capsized: छपरा में छठ महापर्व के दौरान एक नाव पलटने से 2 युवकों की मौत हो गई और एक व्यक्ति लापता हो गया। इस दुखद घटना ने न केवल स्थानीय समुदाय को झकझोर कर रख दिया, बल्कि छठ महापर्व के दौरान सुरक्षा उपायों की जरूरत को भी सामने लाया। इस लेख में, हम इस दुर्घटना के प्रमुख बिंदुओं पर चर्चा करेंगे और इस घटना के बाद उठे सवालों को विस्तार से जानेंगे।
छपरा में कैसे हुआ नाव हादसा?
छठ महापर्व के अवसर पर तरैया थाना क्षेत्र के पंचभिंडा गांव में सरकारी तालाब पर भारी भीड़ इकट्ठा हुई थी। इसी बीच, गांव के दस लड़के एक छोटी नाव पर सवार होकर अर्घ्य देने के लिए तालाब के मध्य तक पहुंचे। परंतु, क्षमता से अधिक लोगों के चढ़ने के कारण नाव असंतुलित होकर पलट गई। वीडियो फुटेज में स्पष्ट दिख रहा है कि नाव अचानक पलटी और उसमें बैठे सभी लड़के पानी में गिर गए। तालाब में पहले से उपस्थित एक युवक ने डूब रहे लोगों को बचाने का प्रयास भी किया, जिसमें वह कुछ लोगों को सुरक्षित निकालने में सफल हुआ। हालाँकि, यह प्रयास पर्याप्त नहीं था और हादसे में दो युवकों की जान चली गई।
छोटी सी नाव पर क्षमता से अधिक लोग सवार थे, जिसके बेकाबू होने से हादसा हुआ !!
— MANOJ SHARMA LUCKNOW UP🇮🇳🇮🇳🇮🇳 (@ManojSh28986262) November 8, 2024
पानी में डूबने से दो लोगों की मौत हो गई, वहीं, 8 लोग सुरक्षित बाहर निकल गए, उनका अस्पताल में इलाज चल रहा है !!
बिहार के छपरा के पचभिंडा में एक तालाब में शुक्रवार सुबह एक ओवरलोड नाव पलट गई !!… pic.twitter.com/Q8azfl3lzD
मृतकों और लापता युवक की पहचान
हादसे के बाद, मृतकों की पहचान तरैया थाना क्षेत्र के पंचभिंडा गांव के बिट्टू कुमार (20) और सूरज कुमार (18) के रूप में की गई है। दोनों युवक अपनी माताओं को अर्घ्य दिलाने के लिए छठ घाट पहुंचे थे। घटना के 30 मिनट बाद जब तालाब में शव बरामद किए गए, तो वहां माहौल अत्यंत गमगीन हो गया। स्थानीय लोग इस दुर्घटना से स्तब्ध हैं और एक युवक अब भी लापता है जिसकी तलाश जारी है।
हादसे के बाद का जनाक्रोश और प्रशासन की प्रतिक्रिया
हादसे की सूचना मिलने के तुरंत बाद पुलिस मौके पर पहुंची। हालाँकि, एम्बुलेंस के आने में देरी के कारण लोग आक्रोशित हो उठे और उन्होंने पुलिस और एम्बुलेंस कर्मियों के साथ धक्कामुक्की की। स्थानीय निवासियों के अनुसार, यह हादसा प्रशासनिक लापरवाही का परिणाम है, क्योंकि छठ पूजा जैसे बड़े अवसर पर सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम नदारद थे। छठ महापर्व के दौरान तालाब के आसपास प्रशासनिक सतर्कता की कमी ने इस दुर्घटना को न्योता दिया।