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CJI Will Give 5 Big Decision: CJI चंद्रचूड़ सेवानिवृति से पहले इन 5 बड़े मामलों पर देने जा रहे फैसला,मदरसा केस,AMU सहित संपत्ति वितरण के मुकदमों पर आएगा निर्णय

मुख्य न्यायाधीश डी.वाई.ए. चंद्रचूड़ 10 नवंबर, 2024 को सेवानिवृत्त होंगे। फिलहाल उनके पास केवल पांच कार्य दिवस बचे हैं, इस दौरान वह कई महत्वपूर्ण मुद्दों को सुलझाएंगे। पांच प्रमुख मामलों पर सीजेआई चंद्रचूड़ द्वारा निर्णय लेने की उम्मीद है।

सेवानिवृति से पहले CJI 5 बड़े मामलों पर देने जा रहे फैसला

CJI Will Give 5 Big Decision:  मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ 10 नवंबर 2024 को अपने पद से रिटायर हो रहे हैं। उनके पास इस समय केवल पांच कार्य दिवस बचे हैं, जिसमें वह कई महत्वपूर्ण मामलों पर निर्णय सुनाएंगे। यहाँ उन पांच प्रमुख मामलों का विवरण दिया गया है जिन पर CJI चंद्रचूड़ का फैसला आने की उम्मीद है:

CJI चंद्रचूड़ द्वारा सुनाए जाने वाले पहले मामले में उत्तर प्रदेश मदरसा अधिनियम की वैधता शामिल है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस अधिनियम को असंवैधानिक घोषित किया था, जिसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा। इस मामले में यह तय किया जाएगा कि क्या यूपी मदरसा अधिनियम संविधान के अनुरूप है या नहीं।

दूसरा महत्वपूर्ण मामला अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के अल्पसंख्यक संस्थान के दर्जे से संबंधित है। सुप्रीम कोर्ट की सात जजों की पीठ ने इस मुद्दे पर सुनवाई की थी और फैसला सुरक्षित रखा था। यह मामला 1967 के एक फैसले पर आधारित है जिसमें AMU को अल्पसंख्यक संस्थान नहीं माना गया था, लेकिन 1981 में कानून में संशोधन कर इसे अल्पसंख्यक दर्जा दिया गया।

तीसरा मामला लाइट मोटर वाहन लाइसेंस धारकों के अधिकारों से संबंधित है। सुप्रीम कोर्ट को यह तय करना है कि क्या LMV लाइसेंस धारक 7500 किलोग्राम तक के वजन वाले परिवहन वाहनों को चला सकते हैं या नहीं। यह निर्णय हजारों ड्राइवरों और बीमा दावों पर प्रभाव डालेगा।

चौथा मामला संपत्ति के पुनर्वितरण से संबंधित है, जिसमें यह निर्धारित किया जाएगा कि क्या सरकार निजी संपत्तियों का अधिग्रहण कर उन्हें पुनर्वितरित करने का अधिकार रखती है। यह मामला संविधान के अनुच्छेद 39(B) से जुड़ा हुआ है और इसका सामाजिक प्रभाव भी होगा।

पाँचवाँ और अंतिम मामला भर्ती प्रक्रिया शुरू होने के बाद नियमों और शर्तों में बदलाव करने की वैधता पर आधारित है। यह मुद्दा राजस्थान हाई कोर्ट में अनुवादकों की नियुक्ति से संबंधित विवाद से उत्पन्न हुआ था।

इन सभी मामलों पर CJI चंद्रचूड़ का निर्णय न केवल कानूनी दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण होगा, बल्कि इसका व्यापक सामाजिक और राजनीतिक प्रभाव भी पड़ेगा।

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