Muzaffarpur News: शाहिद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा में बंदियों को सामाजिक और मुख्य धारा से जोड़ने के लिए जेल प्रशासन ने कई उद्योग स्थापित किए हैं। यह एक सराहनीय पहल है। जब लोग किसी मामले में न्यायालय द्वारा सजा पाते हैं और जेल में जाते हैं, तो उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती यह होती है कि उनके परिवार का भरण-पोषण कैसे होगा। इस समस्या के समाधान के लिए जेल प्रशासन ने जेल के अंदर विभिन्न उद्योगों की स्थापना की है, जिससे सजायाफ्ता बंदी अपने और अपने परिवार के लिए आय अर्जित कर सकते हैं। इसके परिणामस्वरूप, जेल में रोजगार के अवसर उपलब्ध होने से बंदियों में खुशी और संतोष का अनुभव हो रहा है।
मुजफ्फरपुर के शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा में जेल प्रशासन ने कपड़ा उद्योग स्थापित किया है, जिसमें सैकड़ों बंदी कार्यरत हैं। इसके बदले में जेल प्रशासन इन बंदियों को वित्तीय लाभ प्रदान करता है। इस उद्योग में निर्मित कपड़े का उपयोग जेल प्रशासन द्वारा बंदियों के बीच किया जाता है।
इसके अतिरिक्त, जेल प्रशासन ने जेल के भीतर एक फर्नीचर उद्योग भी स्थापित किया है, जहां सैकड़ों लोग कार्य कर रहे हैं। इस उद्योग में विभिन्न प्रकार के फर्नीचर का निर्माण बंदियों द्वारा किया जाता है, और इसके लिए उन्हें जेल प्रशासन द्वारा भुगतान किया जाता है। इस प्रकार के फर्नीचर को जेल प्रशासन न केवल अपने परिसर में, बल्कि अन्य स्थानों पर भी वितरित करता है।
प्रशासन द्वारा जेल के भीतर साबुन निर्माण का एक उद्योग स्थापित किया गया है, जिसमें सैकड़ों बंदी कार्यरत हैं। इसके बदले में, जेल प्रशासन उन्हें मेहनताना प्रदान करता है, जिससे वे और उनके परिवार का भरण-पोषण संभव हो पाता है। इसके अतिरिक्त, इस उद्योग में निर्मित साबुन का उपयोग जेल प्रशासन अपने जेल के साथ-साथ अन्य व्यक्तियों के लिए भी करता है।
रिपोर्ट- मणिभूषण शर्मा