Bihar News: बिहार में बढ़ते अपराध को लेकर पुलिस प्रशासन एक्शन मोड में है। प्रशासन की ओर से अपराध पर रोक लगाने के लिए कई कदम उठाए जा रहा हैं। इसी कड़ी में अब प्रदेश के हर जिले के लिए एक प्रभारी आईपीएस अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे। राज्य पुलिस मुख्यालय ने डीआईजी,आईजी और एडीजी रैंक के अधिकारियों को विभिन्न जिलों का प्रभार सौंपा है। ये अधिकारी सप्ताह में दो दिन (बुधवार और गुरुवार) अपने-अपने जिलों का दौरा करेंगे और वहां की स्थिति की रिपोर्ट सीधे डीजीपी को देंगे। इस संबंध में डीजीपी विनय कुमार ने बुधवार को आदेश जारी किया।
पहली बार लागू हुई व्यवस्था
मालूम हो कि बिहार में इस तरह की व्यवस्था पहली बार लागू की गई है। अब तक जिलों का प्रभार मंत्री,सचिव या उससे उच्च स्तर के अधिकारियों को दिया जाता था। इसी तर्ज पर पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों को जिलों की जिम्मेदारी सौंपने का यह कदम उठाया गया है।
इनको मिला जिम्मेदारी
सूत्रों के अनुसार, एडीजी (मुख्यालय) कुंदन कृष्णन को पटना, डीआईजी हरप्रीत कौर को कैमूर और ईओयू के डीआईजी मानवजीत सिंह ढिल्लों को रोहतास का नोडल अधिकारी बनाया गया है। अन्य जिलों के लिए भी अलग-अलग अधिकारियों की तैनाती की गई है।
19 बिंदुओं पर होगी समीक्षा
जिलों के प्रभारी अधिकारी वहां जाकर थाना स्तर से लेकर जिला स्तर तक की पुलिसिंग का निरीक्षण करेंगे। उन्हें 19 मुख्य बिंदुओं पर समीक्षा करनी होगी और इसकी रिपोर्ट डीजीपी को देनी होगी। इस रिपोर्ट के आधार पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। प्रभारी अधिकारी अपराध की स्थिति और पुलिस अधिकारियों के प्रदर्शन की गहन समीक्षा करेंगे।
पटना का प्रभार कुंदन कृष्णन को
एडीजी (मुख्यालय) कुंदन कृष्णन को पटना जिले का नोजल अधिकारी बनाया गया है। वे अपराध दर अधिक होने वाले थानों का निरीक्षण करेंगे, लंबित मामलों की स्थिति का आकलन करेंगे, टॉप-10 अपराधियों की सूची की जांच करेंगे और नक्सल प्रभावित इलाकों में कार्रवाई का जायजा लेंगे। इसके साथ ही, प्रभारी अधिकारी अपने जिले की पुलिसिंग व्यवस्था और अपराध नियंत्रण के प्रयासों की नियमित निगरानी करेंगे।