GAYA : गया समाहरणालय सभाकक्ष में जिला पदाधिकारी सह अध्यक्ष बीटीएमसी बोधगया डॉ० त्यागराजन एसएम द्वारा बीटीएमसी की ओर से बनाए गए महाबोधि मंदिर की वार्षिक कैलेंडर का विमोचन किया गया। इस बहुप्रिष्ठीय कैलेंडर में बोधगया की सांस्कृतिक विरासत दर्शाया गया है। विदित हो कि जिला पदाधिकारी सह अध्यक्ष बीटीएमसी के नेतृत्व मे मन्दिर के विकास हेतु अनेको कार्य करवाये गए हैं, ताकि मन्दिर आने वाले यात्रियों/ लोकल और विदेशी पर्यटकों को कही की दिक्कत नही हो सके। हाल के वर्षो मे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश के आलोक मे नये कार्यालय भवन का निर्माण करवाया गया है साथ ही मन्दिर और कार्यालय में सौर्य ऊर्जा को बढ़ावा के लिए सोलर सिस्टम मे रूपांतरित किया गया है।
पहले पृष्ठ पर महाबोधि मंदिर के चित्र के साथ 2025 के महत्वपूर्ण आयोजनों की संक्षिप्त जानकारी दी गई है। जनवरी माह के पृष्ठ पर बोधिवृक्ष के पूर्व में विराजित वज्रासन का चित्र है। यह वज्रासन सैंडस्टोन का बना है, जिसपर ज्यामितीय आकृति उत्कीर्ण है। फरवरी पृष्ठ पर निरंजना नदी है। इसी के पश्चिमी तट पर महाबोधि मंदिर है, जहां भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। यह नदी भगवान बुद्ध की गतिविधियों का साक्षी रही है। मार्च महीने के पृष्ठ पर महाबोधि मंदिर के गर्भगृह में विराजमान भगवान बुद्ध की विशालकाय स्वर्णिम मूर्ति है। यह मूर्ति भूमि स्पर्श मुद्रा में है। अप्रैल माह के पृष्ठ पर रत्न चक्रमण चैत्य उत्कीर्ण है। ईंट के इस प्लेटफॉर्म पर कमल की आकृति उत्कीर्ण है। ज्ञान प्राप्ति के बाद तीसरा सप्ताह भगवान बुद्ध ने इसी जगह व्यतीत किया था। मई माह के पृष्ठ पर महाबोधि मंदिर के भव्य स्थापत्य को प्रदर्शित किया गया है। यह मंदिर गुप्तकालीन स्थापत्य का बेहतरीन नमूना है। जून माह के पृष्ठ पर वोटिव स्तूप दिखाया गया है। इसे मनौती स्तूप भी कहते है, जो विभिन्न कालखंडों के हैं। जुलाई माह के पृष्ठ पर बिहार के माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी को मंदिर के गर्भगृह में पूजा करते दिखाया गया है। अगस्त माह के पेज पर मंदिर के भव्य परिसर का एरियल दृश्य है। सितंबर माह के पेज पर महाबोधि मंदिर के शीर्ष / गुंबद को दिखाया गया है। यह स्वर्ण आच्छादित है।
अक्टूबर माह के पेज पर अशोक रेलिंग को दिखाया गया है। इसका निर्माण विभिन्न कालों में कराया गया है और शिल्प कला के नमूनों से भरा है। नवंबर माह के पेज पर बौद्धों के पवित्र पर्व कठिन चीवर दान समारोह को दिखाया गया है। तीन महीने के वर्षावास के बाद इसका आयोजन होता है। दिसंबर माह के पेज पर परम पावन दलाई लामा को पूजा करते दिखाया गया है। वे शांति और करुणा के प्रतीक हैं और दुनिया में इनकी पहचान आध्यात्मिक गुरु के रूप में है। इस अवसर पर सचिव बीटीएमसी डॉ० महाश्वेता महारथी, सदस्य बीटीएमसी डॉ अरविंद कुमार सिंह एवं सदस्य डॉ० किरण लामा उपस्थित थे।
संतोष की रिपोर्ट