PATNA - बिहार की नीतीश कुमार की सरकार ने राज्य में जमीन से जुड़ी शिकायतों के निपटारे को और अधिक तेजी से करने का फैसला किया है। मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने इस संबंध में बैठक के बाद सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की सेवाओं पर नजर रखें और सुनिश्चित करें कि रैयतों को इन सेवाओं का लाभ निर्धारित समय सीमा के भीतर मिल सके। इस दौरान उन्होंने सुस्त जिलाधिकारियों को कार्यशैली में बदलाव की हिदायत भी दी।
सुस्त अधिकारियों पर कार्रवाई
जो जिले परिमार्जन प्लस पोर्टल पर आने वाले आवेदनों के निपटारे में पिछड़े हुए पाए गए हैं, इनमें पूर्वी चंपारण (West Champaran) एवं नवादा (Nawada) को अपनी रैंकिंग में सुधार लाने को कहा गया। जमुई, दरभंगा एवं भोजपुर जिलों को विशेष रूप में सतर्क किया गया।
सुस्ती पर मुख्य सचिव ने जताई नाराजगी
पटना, भोजपुर और मधेपुरा जिलों में ई-मापी की सुस्त रफ्तार पर मुख्य सचिव ने नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे अंचलाधिकारियों की मासिक बैठक में अभियान बसेरा की प्रगति की समीक्षा करें।
राजस्व न्यायालयों में सुधार
राजस्व न्यायालयों से जुड़े अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे सप्ताह में कम से कम चार दिन न्यायालय का कार्य देखें। राजस्व न्यायालयों के डिजिटाइजेशन के लिए केंद्र सरकार द्वारा दिए गए धन का उपयोग भी सुनिश्चित किया जाए।
अंचलों पर कार्रवाई
बैठक में बीते चार महीने से मासिक कार्य मूल्यांकन में पिछड़ रहे 10 अंचलों की पहचान की गई है। जिसके बाद जिलाधिकारियों को कहा गया कि वे अंचलों के कामकाज की हलकावार समीक्षा करें। लगातार खराब प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों को दंडित करें।