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Bihar Teacher News: बिहार में शिक्षा विभाग की फजीहत! किया गजब का उलटफेर, मेडिकल की जगह पुरुष शिक्षक को मिल गया मैटरनिटी लीव

बिहार में ई-शिक्षा कोष पोर्टल की तकनीकी खामियों ने विभाग की कार्यप्रणाली को सवालों के घेरे में ला दिया है। ऐसे मामलों से न केवल शिक्षकों में असंतोष बढ़ता है, बल्कि विभाग की छवि भी प्रभावित होती है।

 Bihar Teacher News: बिहार में शिक्षा विभाग की फजीहत! किया गजब का उलटफेर, मेडिकल की जगह पुरुष शिक्षक को मिल गया मैटरनिटी लीव
बिहार शिक्षा विभाग ने की बड़ी गलती!- फोटो : freepik

Bihar Teacher News: बिहार के हाजीपुर में शिक्षा विभाग की बड़ी गलती सामने आई है। महुआ प्रखंड के उच्च विद्यालय हसनपुर ओसती में एक पुरुष शिक्षक को गलती से मातृत्व अवकाश (मैटरनिटी लीव) स्वीकृत कर दिया गया। बीपीएससी से चयनित शिक्षक जितेंद्र कुमार सिंह को विभाग के ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर गर्भवती दिखाया गया, जिससे यह हास्यास्पद स्थिति उत्पन्न हुई।

पुरुष शिक्षक को मातृत्व अवकाश!

शिक्षा विभाग की इस गड़बड़ी के कारण विभाग की काफी किरकिरी हो रही है। मातृत्व अवकाश, जो केवल महिला शिक्षकों को मिलता है, पुरुष शिक्षक को स्वीकृत कर दिया गया। यह गलती विभाग के ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर हुई, जहां जितेंद्र कुमार सिंह का नाम मातृत्व अवकाश के तहत दर्ज था। इस मामले ने शिक्षकों के बीच हंसी-ठिठोली का माहौल बना दिया है और विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

जमुई में भी ऐसा ही मामला

इसी तरह की घटना जमुई जिले के सोनो प्रखंड में हुई। उत्क्रमित मध्य विद्यालय ढोढरी के शिक्षक मोहम्मद जहीर ने 18 नवंबर से 27 नवंबर तक मेडिकल लीव का आवेदन दिया था। लेकिन ई-शिक्षा कोष पोर्टल ने उनकी छुट्टी को "मैटरनिटी लीव" के रूप में दर्ज कर लिया।मोहम्मद जहीर की छुट्टी का रिपोर्ट सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद विभाग पर सवाल उठाए जा रहे हैं। लोग पूछ रहे हैं कि एक पुरुष शिक्षक को मातृत्व अवकाश कैसे मिल सकता है?

ई-शिक्षा कोष पोर्टल की तकनीकी गड़बड़ी

इस मामले पर प्रखंड शिक्षा अधिकारी अर्चना कुमारी ने कहा कि यह पूरी तरह से तकनीकी त्रुटि है। ई-शिक्षा कोष पोर्टल, जो शिक्षकों की उपस्थिति और वेतन संबंधी जानकारी रिकॉर्ड करता है, में ऐसी गड़बड़ियां पहले भी सामने आई हैं।

मुख्य गड़बड़ियां

मेडिकल लीव को मैटरनिटी लीव के तौर पर दर्ज करना।

पोर्टल पर डेटा एंट्री की गलतियां।

अधिकारियों का कहना है कि इस गलती को जल्द ही सुधार लिया जाएगा।

विभाग पर उठे सवाल

ऐसी गलतियों के कारण शिक्षा विभाग की साख पर असर पड़ रहा है।शिक्षकों के लिए यह मामला हास्य का विषय बन गया है, जबकि विभाग के लिए यह प्रशासनिक लापरवाही का उदाहरण है। तकनीकी सुधार की आवश्यकता को लेकर अब सवाल और तेज हो गए हैं।


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