JVJ's property will be sold: दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर जेवीजी फाइनेंस की संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। कंपनी ने 90 के दशक में हजारों निवेशकों से पैसा जमा किया था, लेकिन बाद में कारोबार बंद कर दिया था। अब कोर्ट के आदेश पर पटना, दिल्ली, मुंबई, पुणे, हैदराबाद के साथ यूपी और हरियाणा में कंपनी की संपत्ति जब्त की जाएगी। देश के सात शहरों में जेवीजी फाइनेंस की संपत्ति जब्त की जाएगी।
पटना में जब्ती की प्रक्रिया शुरू
पटना में कोर्ट के अधिकारियों ने जिला प्रशासन के साथ बैठक कर संपत्ति जब्ती की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पटना के दानापुर और फुलवारी शरीफ में कंपनी की 9.5 बीघा जमीन को जब्त कर नीलाम करने का फैसला लिया गया है। इस जमीन पर वर्तमान में अवैध कब्जा है। बैठक में कोर्ट के आदेश की कॉपी सौंपी गई है। अधिकारियों की मानें तो बिहार के कई इलाकों में कंपनी की जमीन है। जिसकी जांच कर जमीन को जब्त किया जाएगा। जमीन जब्त करने के बाद प्रशासन उस जमीन की नीलामी कराएगी।
निवेशकों को मिलेगी राहत
वहीं संपत्ति नीलाम करके मिलने वाली राशि को निवेशकों में बांटा जाएगा। सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाईकोर्ट के अधिवक्ता दिनेश खुराना ने बताया कि कोर्ट के आदेश का कड़ाई से पालन किया जा रहा है। पटना के अलावा बिहार के अन्य जिलों में भी कंपनी की जमीन की तलाश जारी है।
कैसे हुआ था घोटाला?
जेवीजी फाइनेंस लिमिटेड एक गैर-सरकारी कंपनी थी। यह 90 के दशक में अस्तित्व में आई। पटना शहर में इसका कार्यालय एक्जीबिशन रोड स्थित श्रीराम पैलेश में था। जेवीजी फाइनेंस ने 30% ब्याज दर का लालच देकर लोगों से पैसा जमा किया था। कंपनी ने गांव-गांव में शाखाएं खोलकर लोगों का विश्वास जीता था। लेकिन कुछ समय बाद कंपनी की वित्तीय स्थिति खराब हो गई और लोग अपना पैसा वापस मांगने लगे। जिसके बाद अचानक कंपनी ने अपना कार्यालय बंद दिया। कर्मचारी भी अलग अलग जगह नौकरी करने लगे।
निवेशकों की पीड़ा
हजारों निवेशक आज भी अपने पैसे वापस पाने का इंतजार कर रहे हैं। कई लोगों ने अपनी जीवन भर की बचत इस कंपनी में लगा दी थी। राजीव नगर निवासी संजय सिंह ने बताया कि उनकी मां सुमित्रा देवी ने पैसा जमा किया था। वे 85 साल की हैं। अब उन्हें पैसा मिलने की उम्मीद नहीं है। बरौनी निवासी 72 वर्षीय नरेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि बेटी की शादी के लिए मेरी मां ने पैसा जमा किया था। बेटी की शादी तो हो गई लेकिन आज तक पैसा नहीं मिला। उनकी मां ने 40 हजार रुपए जमा किया था।
प्रशासन की कार्रवाई
पटना जिला प्रशासन ने इस मामले में कार्रवाई शुरू कर दी है। प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि वे सभी दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे और निवेशकों को न्याय दिलाएंगे। जानकारी अनुसार खेसरा नंबर 122/227/263/9- 8 कट्ठा 8 धूर। खेसरा नंबर 360/122/588/11-10 कट्ठा। खेसरा नंबर 227/128/208/139-10 कट्ठा। खेसरा नंबर - 227/122/217/15-53.4 डिसमिल। खेसरा नंबर 228/122/256/45-5 कट्ठा। खेसरा नंबर 227/122/8 - 2 एकड़ 1.5 डिसमिल। खेसरा नंबर 228/122/576/13- 41 डिसमिल। खेसरा नंबर - 227/122/8- 10 कट्ठा। खेसरा नंबर 227/122/653/122- 36 डिसमिल। खेसरा नंबर 227/122/311/84- 5 कट्ठा। खेसरा नंबर - 227/122/564/21-36 डिसमिल। खेसरा नंबर 227/122/33-6 कट्ठा। खेसरा नंबर 227/122/348/42- 12 कट्ठा। खेसरा नंबर- 227/122/782/41-10 कट्ठा। जमीन जब्त करने की सूची प्रशासन को फुलवारीशरीफ मानपुर बैरिया में मिली है।