धनतेरस पर दीपदान का विशेष महत्व है, जो न केवल समृद्धि का प्रतीक है बल्कि घर से दरिद्रता और वास्तु दोष को भी दूर करने का एक प्रभावी उपाय माना गया है। इस दिन कुछ खास तरीके से दीप जलाने से आर्थिक उन्नति और घर की शांति में वृद्धि होती है। ज्योतिष और वास्तु शास्त्र के अनुसार, धनतेरस की शाम को पूजाघर में अखंड दीपक जलाना अत्यंत शुभ फलदायी होता है। मान्यता है कि यदि यह दीपक दीपावली की रात तक अखंड जलता रहे और यदि भैयादूज तक भी जलता रहे तो घर के सभी वास्तु दोष समाप्त हो जाते हैं, जिससे घर में सुख-समृद्धि और शांति का निवास होता है।
ईशान कोण में गाय के घी का दीपक
धनतेरस की शाम को घर के ईशान कोण, जो कि उत्तर-पूर्व दिशा होती है, में गाय के घी का दीपक जलाना चाहिए। इस दीपक में रुई की जगह लाल रंग के धागे का उपयोग करना अत्यंत लाभकारी माना गया है। इसके साथ ही दीपक में केसर की थोड़ी मात्रा मिलाने से न केवल घर में सुख-शांति का माहौल बनता है बल्कि यह भगवान का आशीर्वाद भी घर में बनाए रखता है। यह उपाय घर की नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त कर सकारात्मकता को बढ़ावा देता है।
मुख्य द्वार पर तेल का दीपक
धनतेरस की शुभ संध्या पर घर के मुख्य द्वार पर तेल का दीपक प्रज्वलित करने का भी विशेष महत्व है। इस दीपक में दो काली गुंजा डालकर इसे अन्न की ढेरी पर स्थापित करें। यह उपाय घर के प्रवेश द्वार पर सकारात्मक ऊर्जा को संचारित करता है और साल भर आर्थिक अनुकूलता बनाए रखने में सहायक होता है। ध्यान रखें कि यह दीपक पूरी रात जलता रहना चाहिए और बुझना नहीं चाहिए। इससे घर में धन का स्थायित्व बना रहता है और दरिद्रता दूर होती है।
धनतेरस पर इन उपायों का महत्व
धनतेरस पर दीपदान के इन उपायों को अपनाने से वास्तु दोष दूर होते हैं, आर्थिक समस्याएं हल होती हैं, और घर में सुख-समृद्धि का वातावरण बना रहता है। इस प्रकार के उपायों को घर के बुजुर्ग और बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद प्राप्त कर किया जाता है, जिससे जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि का वास होता है