MAHARASHTRA ASSEMBLY ELECTIONS 2024: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के रुझानों से स्पष्ट हो रहा है कि एनडीए दो-तिहाई बहुमत के साथ सत्ता में वापसी की ओर बढ़ रहा है। बीजेपी और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने मिलकर 220 सीटों के करीब बढ़त बना ली है। हालांकि, इस भारी जीत के बावजूद बीजेपी के सामने कुछ राजनीतिक चुनौतियां और सवाल खड़े हो रहे हैं।
महाराष्ट्र में बीजेपी की स्थिति और एनडीए की ताकत
महाराष्ट्र में कुल सीटें: 288
बीजेपी: 123 सीटों पर आगे।
एकनाथ शिंदे गुट: 58 सीटों पर बढ़त।
सीएम की कुर्सी पर सवाल:
बीजेपी के स्थानीय नेताओं ने मुख्यमंत्री पद के लिए दावेदारी ठोकी है। हालांकि, शिवसेना (शिंदे गुट) का समर्थन एनडीए की स्थिरता के लिए अहम है।
बिहार में नीतीश कुमार और बीजेपी का समीकरण
बिहार में जेडीयू तीसरे नंबर की पार्टी होते हुए भी सत्ता पर मजबूत पकड़ बनाए हुए है। बीजेपी के पास अधिक विधायक होने के बावजूद, नीतीश कुमार ब्यूरोक्रेसी और प्रशासनिक फैसलों पर नियंत्रण रखते हैं। जेडीयू के पास 12 सांसद हैं, जो केंद्र सरकार के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
बीजेपी की मजबूरी:
बिहार में सत्ता में बने रहने के लिए बीजेपी को नीतीश कुमार के साथ समझौता करना पड़ा। 2025 के विधानसभा चुनावों तक नीतीश कुमार को सीएम पद पर बनाए रखने की गारंटी भी देनी पड़ी।
क्या महाराष्ट्र में शिंदे बनेंगे दूसरे नीतीश कुमार?
शिवसेना (शिंदे गुट) के पास 4 सांसद हैं, जो केंद्र में एनडीए के लिए अहम हैं। शिंदे की 58 सीटों के बिना महाराष्ट्र में बीजेपी की सरकार बनाना मुश्किल होगा।
महाराष्ट्र में सीएम पद की राजनीति
यदि बीजेपी मुख्यमंत्री पद पर जोर देती है, तो शिंदे गुट के समर्थन में कमी आ सकती है। शिंदे की स्थिति नीतीश कुमार जैसी बन सकती है, जहां वे बीजेपी के बीच अपनी सत्ता का आनंद लेंगे। बीजेपी के अंदरूनी नेताओं की मुख्यमंत्री पद की आकांक्षा शिंदे गुट के साथ टकराव पैदा कर सकती है।
समझौता और स्थिरता:
शिंदे को सीएम पद देकर स्थिरता बनाए रखना बीजेपी के लिए प्राथमिकता हो सकती है। केंद्र में शिंदे गुट का समर्थन एनडीए के लिए जरूरी है। यदि शिंदे गुट और बीजेपी में मतभेद गहराते हैं, तो गठबंधन में दरार पड़ सकती है।
क्या शिंदे महाराष्ट्र के नीतीश बनेंगे?
महाराष्ट्र में वर्तमान स्थिति बिहार की राजनीति से काफी हद तक मिलती-जुलती दिख रही है। शिंदे गुट का मजबूत समर्थन बीजेपी के लिए मजबूरी बन गया है, जबकि बीजेपी के नेता मुख्यमंत्री पद को लेकर दावेदारी कर रहे हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी महाराष्ट्र में सत्ता के खेल को कैसे संभालती है और क्या शिंदे "दूसरे नीतीश कुमार" साबित होंगे।