Phone Tapping: भारत सरकार ने हाल ही में फोन टैपिंग यानी फोन पर होने वाली बातचीत को रिकॉर्ड करने के नियमों में बदलाव किया है। अब, राज्य स्तर पर पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) या उससे ऊपर के अधिकारी ही आपातकालीन स्थितियों में किसी के फोन पर बातचीत को रिकॉर्ड करने का आदेश दे सकेंगे।
नए नियम के अनुसार केवल आपातकालीन स्थितियों में ही फोन टैपिंग की अनुमति होगी। यहीं नहीं टेपिंग का आदेश जारी होने के सात दिन के भीतर एक उच्च अधिकारी से अनुमति लेनी होगी। अगर अनुमति नहीं मिलती, तो रिकॉर्ड किए गए मैसेजों को दो दिन के भीतर नष्ट करना होगा।सभी टैपिंग मामलों की समीक्षा के लिए एक समिति बनाई गई है।
नए नियमों से लोगों की गोपनीयता की थोड़ी अधिक सुरक्षा होगी क्योंकि अब बिना किसी वजह से किसी का फोन नहीं टैप किया जा सकेगा।आपातकालीन स्थितियों में, जैसे कि आतंकवादी हमले या बड़े अपराधों को रोकने के लिए, पुलिस को आवश्यक जानकारी मिलने में मदद मिलेगी। इन नियमों के बावजूद, फोन टैपिंग को लेकर विवाद जारी रहने की संभावना है। कुछ लोग मानते हैं कि सरकार लोगों की निगरानी के लिए इस तरह के अधिकारों का दुरुपयोग कर सकती है।
अन्य देशों की तुलना में अमेरिका, यूरोप और कई अन्य देशों में भी फोन टैपिंग को लेकर सख्त नियम हैं। हालांकि, इन देशों में भी सरकारों को राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर फोन टैपिंग की अनुमति दी जाती है।फोन टैपिंग एक जटिल मुद्दा है। एक ओर, यह अपराधियों को पकड़ने और राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद कर सकता है। दूसरी ओर, यह लोगों की निजता का हनन भी कर सकता है। नए नियमों के साथ, सरकार ने निजता और सुरक्षा के बीच एक संतुलन बनाने की कोशिश की है।