70TH BPSC: पटना में बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) कार्यालय के बाहर बुधवार को प्रदर्शन के क्रम में हुए लाठीचार्ज पर जिला प्रशासन ने सफाई दी है। पटना डीएम कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि गर्दनीबाग में कुछ लोग 13 दिसंबर को हुई BPSC परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। प्रशासन के अनुसार प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले अधिकांश लोग गैर-परीक्षार्थी हैं, जिनका परीक्षा से कोई सीधा संबंध नहीं है।
प्रशासन का आरोप
प्रशासन का दावा है कि ये लोग आधारहीन अफवाह फैलाकर परीक्षार्थियों को भड़काने और कानून-व्यवस्था को बाधित करने का प्रयास कर रहे हैं। इसके पीछे कुछ कोचिंग संचालकों का हाथ बताया गया है। जिला प्रशासन में कुछ कोचिंग संस्थानों का नाम भी लिया है।
अस्पताल में तोड़फोड़ और प्रदर्शन
जिला प्रशासन ने बताया कि 23 दिसंबर की शाम कुछ उपद्रवी तत्वों ने गर्दनीबाग अस्पताल में घुसकर चिकित्सकों और स्टाफ के साथ दुर्व्यवहार किया और तोड़फोड़ मचाई। इसके बाद बुधवार को प्रदर्शनकारियों ने निर्धारित धरना स्थल गर्दनीबाग से हटकर नेहरू पथ स्थित BPSC कार्यालय के पास प्रदर्शन शुरू कर दिया, जो प्रतिबंधित क्षेत्र है। प्रदर्शनकारियों को बार-बार प्रशासन और पुलिस द्वारा धरना स्थल पर लौटने का अनुरोध किया गया लेकिन उन्होंने इसे अनसुना कर वहीं प्रदर्शन शुरू कर दिया। स्थिति नियंत्रित करने के लिए हल्का बल प्रयोग कर उन्हें हटाया गया।
FIR और सख्त कार्रवाई की चेतावनी
पटना डीएम ने कहा कि प्रतिबंधित क्षेत्र में घुसकर कानून-व्यवस्था भंग करने और अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। साथ ही सोशल मीडिया पर आधारहीन और तोड़-मरोड़ कर फैलाई जा रही जानकारी को लेकर भी प्रशासन ने सख्त कदम उठाने की बात कही है।
कोचिंग संचालकों पर आरोप
प्रशासन ने कुछ कोचिंग संस्थानों के संचालकों पर अभ्यर्थियों को भड़काने का आरोप लगाया है। इनमें शामिल नाम इस प्रकार हैं: रमांशु कुमार (रमांशु क्लासेज), सुजीत कुमार (सुनामी जीएस गुरू),रौशन आनंद (ज्ञान बिंदु जीएस क्लासेज),चंदन प्रिय (परफेक्शन जीएस), प्रवीण कुमार और प्रदीप कुमार (कौटिल्य जीएस) रोहित कुमार और छात्र नेता दिलीप कुमार प्रशासन ने इन सभी पर छात्रों को उकसाने और कानून-व्यवस्था बिगाड़ने का आरोप लगाया है।