PATNA - पटना हाई कोर्ट ने अपने निर्णय में एक 12 वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म करने के दोषी को रिहा करने का आदेश दिया।जस्टिस आशुतोष कुमार की खंडपीठ ने अपने निर्णय में कहा कि निचली अदालत ने अपीलकर्ता को पॉक्सो अधिनियम की गलत वैधानिक प्रावधानों के तहत सुनाई है।
निचली अदालत ने इस तथ्य पर ध्यान नहीं दिया है कि कथित अपराध वर्ष 2014 में किया गया था और उस समय पॉक्सो अधिनियम की धारा 6 में ऐसी कोई सजा नहीं थी। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि अपीलकर्ता ने अपनी बेटी जो गर्भवती थी। उसकी मदद करने के बहाने उसे वाराणसी ले गया। वाराणसी में अपीलकर्ता ने उसे नशीला पदार्थ देने के बाद भतीजी के साथ दुष्कर्म किया।
रोहतास के सेशन कोर्ट ने अपीलकर्ता को आजीवन कठोर कारावास और पॉक्सो अधिनियम की धारा 6 के तहत पचास हजार रुपये का जुर्माना भरने की सजा सुनाई। हाई कोर्ट ने अपने निर्णय में कहा कि अपीलकर्ता 10 साल की कैद की सजा काट चुका है, जो न्याय के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए पर्याप्त है। कोर्ट ने अपीलकर्ता की वृद्धावस्था को देखते हुए रिहा करने का निर्देश दिया।
कोर्ट ने अपने निर्णय में कहा कि ट्रायल कोर्ट ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, रोहतास, सासाराम द्वारा पीड़ित को चार लाख रुपए का मुआवजा देने का निर्देश दिया है।लेकिन पीड़ित की उम्र को देखते हुए कोर्ट ने इस मुआवजे को एक लाख रुपए कर दिया।