Bihar Land Ragistry: बिहार राज्य में प्रॉपर्टी खरीदना या बेचना एक बेहद जरूरी फैसला है। इसमें कई कानूनी प्रक्रियाएं शामिल होती हैं, जिनमें सबसे महत्वपूर्ण है प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री। रजिस्ट्री के लिए कुछ जरूरी कागजातों की जरूरत होती है। इन दस्तावेज़ों के बिना रजिस्ट्री प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकती।
बिहार में प्रॉपर्टी रजिस्ट्री के लिए आवश्यक दस्तावेज़ और प्रक्रिया का विस्तृत विवरण
1. आधार कार्ड (Aadhaar Card)
आधार कार्ड प्रॉपर्टी रजिस्ट्री के लिए अनिवार्य है क्योंकि यह व्यक्ति की पहचान सुनिश्चित करता है और बायोमेट्रिक सत्यापन में सहायक होता है। ई-रजिस्ट्री के लिए आधार आधारित डिजिटल हस्ताक्षर का भी उपयोग किया जाता है।
2. पैन कार्ड (PAN Card)
पैन कार्ड वित्तीय लेनदेन के लिए आवश्यक है। यह आयकर सत्यापन में मदद करता है और स्टांप शुल्क के भुगतान में आवश्यक होता है। यदि प्रॉपर्टी की कीमत 50 लाख रुपये से अधिक है, तो TDS कटौती के लिए पैन कार्ड अनिवार्य है।
3. मूल विक्रय पत्र (Original Sale Deed)
यह प्रॉपर्टी के स्वामित्व का प्रमाण है और इसमें प्रॉपर्टी का पूरा विवरण होता है। यह दस्तावेज़ पिछले सभी लेनदेन का रिकॉर्ड भी प्रस्तुत करता है।
4. नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC)
यह सर्टिफिकेट विशेष परिस्थितियों में आवश्यक होता है, जैसे कि बैंक लोन पर प्रॉपर्टी, सोसाइटी फ्लैट या विरासत संपत्ति के मामले में।
बिहार में प्रॉपर्टी रजिस्ट्री प्रक्रिया
दस्तावेज़ तैयारी: सभी आवश्यक दस्तावेज़ों को एकत्र करें।
स्टांप ड्यूटी का भुगतान: प्रॉपर्टी मूल्य के अनुसार स्टांप ड्यूटी का भुगतान करें।
रजिस्ट्रार कार्यालय में आवेदन: सभी दस्तावेज़ों के साथ आवेदन जमा करें।
बायोमेट्रिक सत्यापन: आधार कार्ड से बायोमेट्रिक सत्यापन कराएं।
शुल्क का भुगतान: रजिस्ट्री शुल्क का भुगतान करें।
दस्तावेज़ सत्यापन: रजिस्ट्रार द्वारा दस्तावेज़ों का सत्यापन।
रजिस्ट्री की पुष्टि: औपचारिकताएं पूरी होने के बाद रजिस्ट्री की पुष्टि।
रजिस्टर्ड दस्तावेज़ की प्राप्ति: अंत में रजिस्टर्ड दस्तावेज़ प्राप्त करें।
रजिस्ट्री शुल्क और स्टांप ड्यूटी
प्रॉपर्टी रजिस्ट्री के लिए शुल्क प्रॉपर्टी के मूल्य का 5% और स्टांप ड्यूटी 6% है। देरी होने पर प्रति माह 2% जुर्माना लगाया जा सकता है।
ई-रजिस्ट्री की सुविधा
बिहार सरकार ने प्रॉपर्टी रजिस्ट्री को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए ई-रजिस्ट्री सेवा शुरू की है। इसके लाभों में समय की बचत, पारदर्शिता, भ्रष्टाचार में कमी, और 24x7 उपलब्धता शामिल हैं।
सामान्य समस्याएं और उनके समाधान
दस्तावेज़ों में त्रुटि: सावधानीपूर्वक दस्तावेज़ों की जांच करें।
स्टांप ड्यूटी का गलत आकलन: विशेषज्ञ की मदद लें।
NOC प्राप्त करने में देरी: समय पर आवेदन करें।
बायोमेट्रिक सत्यापन में समस्या: आधार कार्ड की जानकारी अपडेट करें।
रजिस्ट्री में देरी: सभी दस्तावेज़ पहले से तैयार रखें और समय सीमा का पालन करें।
सुगम रजिस्ट्री के लिए महत्वपूर्ण
बिहार में प्रॉपर्टी रजिस्ट्री की प्रक्रिया को समझना और आवश्यक दस्तावेज़ तैयार रखना सुगम रजिस्ट्री के लिए महत्वपूर्ण है। ई-रजिस्ट्री सुविधा ने इस प्रक्रिया को और भी सरल बना दिया है।