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BPSC से विवादों का रिश्ता पार्ट 1: बीपीएससी 70 वीं पेपर लीक के विरोध से लेकर आयोग का कानूनी डंडा, इंफोग्राफिक्स के साथ पढ़िए विवाद से जुड़ी A टू Z तक की कहानी

BPSC से विवादों का रिश्ता पार्ट 1: बीपीएससी का विवादों से पुराना रिश्ता रहा है, बीपीएससी को विवाद के कारण ही 2022 में 67वीं सिविल सेवा परीक्षा को रद्द करना पड़ा था। News4Nation के स्पेशल इंफोग्राफिक्स रिपोर्ट से आसान शब्दों में समझे इस पूरे विवाद को

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BPSC से विवादों का रिश्ता पार्ट 1- फोटो : news4nation

BPSC से विवादों का रिश्ता पार्ट 1: बिहार में 70वीं BPSC प्रारंभिक परीक्षा में पेपर लीक को लेकर बिहार लोक सेवा आयोग इन दिनों चर्चा में है. यह चर्चा पेपर लीक के बाद इसके खिलाफ आवाज उठाने पर कानूनी डंडा को लेकर है. ऐसा नहीं है कि पेपर लीक को लेकर बिहार लोक सेवा आयोग पर पहली बार आरोप लगा है. इससे पहले भी लगते रहे हैं. वर्ष 2022 में तो बीपीएससी ने 67वीं सिविल सेवा परीक्षा का पेपर लीक होने पर बिहार लोक सेवा आयोग को परीक्षा रद्द करनी पड़ी थी.इसी प्रकार वर्ष 2003 में बिहार के कनीय कर्मचारियों को बिहार प्रशासनिक सेवा में अपग्रेड करने को लेकर बीपीएससी द्वारा सीमित प्रतियोगिता परीक्षा आयोजित किया गया था. मई 2004 में जब इस परीक्षा का रिजल्ट निकला तो बवाल मच गया. बीपीएससी पर आरोप लगा कि 184 कैडिडेट को गलत तरीके से  बिहार प्रशासनिक सेवा में अपग्रेड कर दिया गया. लेकिन, इस दफा आयोग पेपर लीक पर सख्त रुख अख्तियार कर रखा है. पेपर लीक के नाम पर राजनीति करने वालों से आयोग पेपर लीक का साक्ष्य की मांग कर रहा है. साक्ष्य नहीं देने पर कानूनी कार्रवाई कर रहा है. आयोग के इस फैसले के बाद एक नई चर्चा शुरु हो गई है. कहा जा रहा है कि आयोग इसके सहारे छात्रों के आंदोलन को कमजोर करने का प्रयास कर रही है. 

विवाद की जड़ में

दरअसल, यह पूरा विवाद 13 दिसंबर को बीपीएससी की परीक्षा के साथ शुरू हुआ. बिहार के विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर बीपीएससी 70वीं पीटी परीक्षा आयोजित की गई थी. परीक्षा के दिन से ही बीपीएससी अभ्यर्थी परीक्षा में गड़बड़ी का आरोप लगाकर इसे रद्द करने की मांग करने लगे. उनका कहना था कि इस परीक्षा को रद्द कर  फिर से पुनर्परीक्षा हो. इधर, आयोग इसके लिए तैयार नहीं है. पटना के बापू परीक्षा परिसर में करीब 12000 अभ्यर्थियों का सेंटर पड़ा था. लेकिन करीब ढाई हजार अभ्यर्थी परीक्षा नहीं दे सके जिससे विवाद छिड़ा. अभ्यर्थियों ने सेंटर के बाहर जमकर हंगामा किया. बापू परीक्षा सेंटर में हंगामे के बीच अतिरिक्त केंद्राधीक्षक प्रो. राम इकबाल सिंह की तबीयत बिगड़ी और अस्पताल ले जाने के क्रम में मौत हो गयी.

बापू परीक्षा सेंटर और विवाद

बापू परीक्षा सेंटर के अभ्यर्थियों के आरोप-

. प्रश्न-पत्र आधे घंटे लेट से मिला, जबकि कुछ फ्लोर पर पेपर बांट दिए गए थे.

. अंदर सेटिंग हो रही थी.

. कुछ अभ्यर्थियों के पेपर सील नहीं थे बल्कि फटे हुए थे.

. कुछ लड़के आंसरशीट लेकर नीचे से ऊपर गए.

. ग्रुप में बैठकर ओएमआर सीट रंगा गया.

. अन्य सेंटरों पर भी गड़बड़ी के आरोप

परीक्षार्थी विरोध क्यों कर रहे हैं?

BPSC ने दावा किया है कि 912 में से 911 केंद्रों पर परीक्षा सुचारू रूप से आयोजित की गई, लेकिन परीक्षार्थियों का दावा है कि अन्य केंद्रों पर भी समस्याएं थीं. परीक्षार्थी केवल एक केंद्र के लिए BPSC की ओर से दोबारा परीक्षा आयोजित करने पर भी चिंता जता रहे हैं. उन्हें चिंता है कि इससे स्कोर का सामान्यीकरण वापस आ जाएगा. एक ऐसी प्रथा जिसका BPSC उम्मीदवारों ने पहले विरोध किया था।. बीपीएससी और पटना जिला प्रशासन ने अभ्यर्थियों के आरोपों को बेबुनियाद बताकर खारिज कर दिया. 60 से अधिक अभ्यर्थियों पर केस दर्ज हुआ. केंद्राधीक्षक और मजिस्ट्रेट ने डीएम को और डीएम ने बीपीएससी को पूरे विवाद की जांच रिपोर्ट सौंपी. संबंधित वीडियो फुटेज भी सौंपे.कोचिंग सेंटरों की भूमिका की जांच करने की भी सिफारिश की गयी.इससे नाराज होकर बीपीएससी अभ्यर्थी पटना के गर्दनीबाग में धरना पर बैठ गए. 

BPSC अभ्यर्थियों का समर्थन और सियासत

आरोप -प्रत्यारोप के बीच बीपीएससी अभ्यर्थियों के इस आंदोलन में पहले पटना के प्रमुख कोचिंग संस्थान और बाद में राजनीतिक दलों की भी एंट्री हुई. इसके बाद यह आंदोलन तेज हो गया. पेपर लीक को कारण बताकर  राजनीतिक के नेता परीक्षा  रद्द करने की  मांग करने लगे.  राजनीतिक दल, छात्र नेताओं और कोचिंग संस्थानों के सहयोग से जब यह आंदोलन तेज हो गया. विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव, निर्दलीय सांसद पप्पू यादव के साथ साथ लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी इस मुद्दे पर सवाल उठाया.


बिहार बंद की सियासत

पप्पू यादव ने इस मुद्दे पर दो बार बिहार बंद कर चुके हैं.  इसके अलावा वाम दलों ने बिहार के अलग अलग जिलों में ट्रेनें रोककर और प्रदर्शन कर छत्रों के प्रति अपना समर्थन जता चुकी है. इधर, बीपीएससी अभ्यर्थी भी अपने स्तर से इसका विरोध कर चुके हैं. इनके विरोध प्रदर्शन पर पटना पुलिस ने पानी की बौछारें और लाठीचार्ज किया. प्रशांत किशोर इस मुद्दे पर कई दिनों तक आमरण अनशन पर बैठ गए. इधर, बीपीएससी ने इसका खंडन करते हुए पेपर लीक का आरोप लगाने वालों को आयोग नोटिश भेजना शुरु कर दिया.फिलहाल इस मामले पर हाइकोर्ट में भी सुनवाई चल रही है

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