Supreme Court News: भारत में मुफ्त की रेवड़ी बाँटकर वोट बटोरने की संस्कृति कोई नई बात नहीं. मुफ्त की रेवड़ी बांटने की संस्कृति देश के विकास के लिए बाधक मानी जाती रही है. जनता जनार्दन को फ्री की रेवड़ी बाँटने की संस्कृति को हटाने को लेकर देश की सबसे बड़ी अदालत में एक मुकद्दमा दायर हुआ है. देश में चल रही मुफ्त राशन, बिजली, और अन्य सरकारी योजनाओं के भविष्य पर संकट मंडरा रहा है. सुप्रीम कोर्ट में दायर एक याचिका में इन योजनाओं को चुनावी लाभ के लिए दिया जाने वाला रिश्वत बताया गया है. याचिकाकर्ता का मानना है कि इन योजनाओं से चुनावी प्रक्रिया दूषित होती है और इन्हें तुरंत बंद किया जाना चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई शुरू होने के साथ ही, केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा चलाई जा रही विभिन्न मुफ्त योजनाओं का भविष्य अनिश्चित हो गया है. इन योजनाओं में मुफ्त राशन योजना, मुफ्त बिजली योजना, किसानों को सब्सिडी, महिलाओं को आर्थिक सहायता, और युवाओं को मुफ्त शिक्षा संबंधी योजनाएं शामिल हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर अभी तक कोई अंतिम फैसला नहीं सुनाया है. यदि सुप्रीम कोर्ट याचिकाकर्ता के पक्ष में फैसला देता है, तो लाखों लोगों को इन योजनाओं के लाभ से वंचित होना पड़ सकता है. यह फैसला न केवल गरीबों और वंचित वर्गों के लिए बल्कि देश की अर्थव्यवस्था पर भी असर डाल सकता है.इस मामले पर देश की सबसे बड़ी अदालत का फैसला देश की राजनीति और अर्थव्यवस्था की दिशा को बदलने वाला साबित हो सकता है.