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आ गया खेती का डॉक्टर! बिहार कृषि विभाग ने नया ऐप किया लॉन्च, AI का यूज कर करेगा फसलों में लगी बीमारी की पहचान

आ गया खेती का डॉक्टर! बिहार कृषि विभाग ने नया ऐप किया लॉन्च, AI का यूज कर करेगा फसलों में लगी बीमारी की पहचान

Bihar E nirog App: बिहार कृषि विभाग द्वारा लॉन्च किया गया 'ई-निरोग' ऐप किसानों के लिए एक बड़ी राहत साबित हो सकता है, जो उन्हें फसलों की बीमारियों की पहचान करने और उपचार की सलाह पाने में मदद करेगा। इस ऐप की मुख्य विशेषता यह है कि यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तकनीक का उपयोग करके फसलों की पत्तियों को स्कैन करता है और तुरंत बीमारी की पहचान करता है। इससे किसानों को तुरंत फसल के इलाज की जानकारी मिल जाती है, जिससे वे अपनी फसल को समय रहते बचा सकते हैं।

'ई-निरोग' ऐप के मुख्य लाभ

यह ऐप फसलों की पत्तियों की तस्वीर लेकर बीमारी का पता लगाता है और फसल को बचाने के लिए उचित उपाय बताता है।

ऐप न केवल बीमारी का पता लगाता है, बल्कि उस बीमारी का इलाज क्या होना चाहिए, इसकी भी जानकारी देता है।

इस ऐप को कोई भी किसान अपने मोबाइल पर डाउनलोड कर सकता है, जिससे फसल की देखभाल के लिए कहीं बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ती।

अब किसानों को कृषि वैज्ञानिकों के पास जाने की जरूरत नहीं होगी, जिससे वे समय और पैसे दोनों की बचत कर सकेंगे।

अगर किसान को किसी प्रकार की और जानकारी की आवश्यकता हो, तो वे ऐप के माध्यम से विशेषज्ञों से भी संपर्क कर सकते हैं।

कैसे काम करता है 'ई-निरोग' ऐप?

किसान अपने मोबाइल फोन से फसल की पत्तियों की तस्वीर खींचकर उसे ऐप पर अपलोड करता है। ऐप की एआई तकनीक तस्वीर का विश्लेषण करके फसल में लगी बीमारी की पहचान करती है। इसके बाद ऐप बीमारी के उपचार के लिए उचित सलाह और दिशा-निर्देश प्रदान करता है।

ई-निरोग ऐप के फायदे:

बीमारी की समय पर पहचान होने से फसल को बचाने के लिए सही कदम उठाए जा सकते हैं। ऐप का उपयोग करना आसान है और इसे किसी भी एंड्रॉइड या आईओएस स्मार्टफोन पर इंस्टॉल किया जा सकता है। एआई आधारित तकनीक के कारण बीमारी की पहचान और उपचार की सलाह सटीक और तेज होती है।

किसानों के लिए एक वरदान

'ई-निरोग' ऐप किसानों के लिए एक वरदान की तरह है, जो फसलों की सुरक्षा और उनकी उत्पादकता बढ़ाने में मदद करेगा। इससे किसानों को बीमारी की पहचान और इलाज में लगने वाले समय की बचत होगी, जिससे वे अपनी फसल को नुकसान से बचा सकेंगे और बेहतर उत्पादन कर सकेंगे।

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