Bihar School News: सर्दी की सख़्ती के बीच स्कूल बंद करने की प्रशासन से मांग, कुहासे की चादर और पछुआ की सिसकी के बीच स्कूल जाने वाले बच्चों की पुकार

Bihar School News: सुबह होते ही सड़कों पर धुंध का आलम ऐसा कि निगाहें कुछ कदम आगे जाकर ठहर जाती हैं ऐसे में स्कूल जाने वाले बच्चे इस ठंड के सबसे बड़े शिकार नज़र आ रहे हैं।

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स्कूल बंद करने की प्रशासन से मांग- फोटो : reporter

Bihar School News: बिहार में इन दिनों सर्दी तेज सांसें ले रही है। पछुआ हवा की तीखी सरसराहट और घने कुहासे की दूधिया चादर ने ज़िले को अपनी गिरफ़्त में ले लिया है। सुबह होते ही सड़कों पर धुंध का आलम ऐसा कि निगाहें कुछ कदम आगे जाकर ठहर जाती हैं। कनकनी भरी ठंड ने आम जनजीवन को बेचैन कर दिया है और लोग अपने-अपने घरों में दुबकने को मजबूर हैं। यह सर्दी सिर्फ़ मौसम की करवट नहीं, बल्कि रोज़मर्रा की ज़िंदगी के लिए एक इम्तिहान बन गई है।

तेज़ पछुआ हवा हड्डियों तक उतरती महसूस हो रही है। खासकर सुबह के वक्त हालात और भी सख़्त हो जाते हैं।गोपालगंज में स्कूल जाने वाले बच्चे, बुज़ुर्ग और दिहाड़ी मजदूर इस ठंड के सबसे बड़े शिकार नज़र आ रहे हैं। बस स्टॉप पर खड़े छात्र-छात्राएं ठिठुरते बदन और सुन्न उंगलियों के साथ सवारी का इंतज़ार करते दिखते हैं। मासूम चेहरों पर सर्दी की लकीरें साफ़ झलक रही हैं, मानो मौसम ने उनकी मुस्कान पर पहरा बिठा दिया हो।

मौसम विभाग की मानें तो बिहार के अधिकांश हिस्सों में फिलहाल यही मिज़ाज बना रहेगा। सुबह और शाम कुहासा छाया रहेगा और पछुआ हवा ठंड में और इज़ाफ़ा करेगी। मंगलवार को गोपालगंज समेत राज्य के 14 ज़िलों में न्यूनतम तापमान 10 से 13 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया, जिसने सर्दी की सख़्ती का ऐलान कर दिया है।

इस बढ़ती ठंड के बीच स्कूल जाने वाले बच्चों की परेशानी लगातार बढ़ रही है। गोल्डन कुमार नाम की एक छात्रा ने अपनी पीड़ा बयां करते हुए कहा कि बहुत तेज़ हवा चल रही है, बहुत ठंड लग रही है। इतनी सर्दी में स्कूल जाना बेहद मुश्किल हो गया है। डीएम साहब से विनती है कि स्कूल बंद करा दिए जाएं। यह आवाज़ अकेली नहीं, बल्कि सैकड़ों अभिभावकों और छात्रों की सामूहिक पुकार है।

ठंड का असर बाज़ारों पर भी साफ़ दिख रहा है। सुबह के समय सन्नाटा पसरा रहता है, लोग अलाव और गर्म कपड़ों की शरण में नज़र आते हैं। ग्रामीण इलाकों में किसान और मज़दूर भी ठिठुरन से जूझ रहे हैं। ऐसे में प्रशासन से उम्मीदें बढ़ गई हैं कि वह हालात की नज़ाकत को समझे। फिलहाल मौसम विभाग ने एहतियात बरतने की सलाह दी है, लेकिन सवाल यही है क्या ठंड की इस सख़्ती में बच्चों को राहत मिलेगी, या कुहासे के साथ इंतज़ार भी और गहराएगा?

रिपोर्ट- नमोनारायण मिश्रा