Bihar Crime - यूपी का टूटा-फूटा बिहार में बेचते थे 2 कबाड़ी, अनोखी थी उनकी गाड़ी, कमाई इतनी कि होश उड़ा दे.. जाने पूरा मामला
Bihar Crime - यूूपी से कबाड़ी लेकर बिहार बेचने आए दो कबाड़ी लाखों रुपए का बिजनेस कर रहे थे, जब पुलिस ने उनकी कमाई का तरीका जाना तो हैरान रह गए।

Gopalganj :- “उत्तर प्रदेश से कबाड़ लाने के नाम पर बिहार में एक बड़ी साजिश चल रही है। टूटी-फूटी जुगाड़ गाड़ी, बिना नंबर, बिना लाइट और ऊपर से लदा कबाड़ का ढेर। लेकिन जैसे ही पुलिस ने शक के आधार पर गाड़ी की तलाशी ली, बोरियों के नीचे से निकली महंगी विदेशी शराब की खेप।
मामला सामने आया गोपालगंज के विशम्भरपुर थाना क्षेत्र के सल्लेहपुर मटिहनिया गांव के पास, जब उत्पाद विभाग ने एक संदिग्ध जुगाड़ गाड़ी को जांच के लिए रोका।” “गाड़ी पर ऊपर से कबाड़ की बोरियाँ भरी गई थीं ताकि कोई शक न कर सके। लेकिन जब पुलिस ने गाड़ी की गहराई से तलाशी ली, तो उनके होश उड़ गए। कबाड़ की बोरियों के नीचे से 147 लीटर विदेशी शराब के कार्टन मिले।
शराब की ये खेप यूपी से लायी जा रही थी, जिसे गोपालगंज के अलग-अलग इलाकों में सप्लाई किया जाना था।” उत्पाद अधीक्षक अमरेश कुमार झा ने कहा कि “ये लोग कबाड़ की आड़ में शराब की बड़ी खेप बिहार ला रहे थे। हमारी टीम ने समय रहते कार्रवाई की और इन्हें धर दबोचा। शराबबंदी कानून को ताक पर रखने वालों पर हमारी सख्ती जारी रहेगी।”
एक बार डिलिवरी से होती थी लाखों की कमाई
पकड़े गए दोनों तस्कर उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। इनकी पहचान मीरगंज थाना क्षेत्र के दक्षिण मोहल्ला निवासी साकिर हुसैन और कैलाश कुमार के रूप में हुई है। दोनों पहले भी कबाड़ बेचने के बहाने गोपालगंज आते थे। एक खेप में लाखों की कमाई होती थी, और इस गाड़ी की हालत देखकर कोई इन्हें शक की नजर से नहीं देखता था।”
एक बार फिर साबित हो गया कि तस्कर कितने शातिर हो गए हैं। कभी बाइक में तहखाना बनाते हैं, तो कभी कार की सीट में शराब छिपाते हैं। अब कबाड़ की गाड़ी को ही शराब का गोदाम बना दिया गया।” “गोपालगंज में शराब तस्करी के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे। प्रशासन की सख्ती के बावजूद नए-नए तरीके ईजाद कर तस्कर कानून की आंखों में धूल झोंकने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन उत्पाद विभाग और पुलिस लगातार ऐसे मामलों पर नजर बनाए हुए है।
शराबबंदी वाले राज्य बिहार में तस्कर कबाड़ के पीछे शराब की तिजारत कर रहे थे। लेकिन प्रशासन की सतर्कता से उनका जाल एक बार फिर बिछड़ गया। अब देखना ये है कि कब तक तस्कर नए-नए हथकंडों से बच पाते हैं।
Report - NAMO NARAYAN MISHRA/ GOPALGANJ