GOPALGANJ : जिले के जादोपुर थाना के तत्कालीन थानाध्यक्ष को जब्त किए गए कार का निजी कामों में इस्तेमाल करना काफी महंगा पड़ गया। इसको लेकर उच्च न्यायालय ने उक्त मामलें में संज्ञान लेते हुए तत्कालीन थानाध्यक्ष पर 1 लाख का जुर्माना लगाया है। वही केस के आईओ व सूचना देने वाले पुलिस कर्मी पर भी कार्रवाई की है। इस मामलें में शिकायत कर्ता के अधिवक्ता कुमार हर्षवर्धन ने जानकारी देते हुए बताया कि जादोपुर थाने की पुलिस ने उत्पाद अधिनियम के तहत 25 सितंबर24 को एक एसयूवी 700 काली रंग की कार थाना क्षेत्र के कररिया गांव के समीप से शराबबंदी कानून के तहत जब्त की थी।
जब्त की गई वाहन को तत्कालीन थानाध्यक्ष पिंटू कुमार इसका उपयोग खुद के कामों के लिए करने लगे। लेकिन उन्हें क्या पता था कि उक्त वाहन में जीपीएस लगा हुआ है। इसको लेकर वाहन स्वामी हर्ष अग्रवाल पटना उच्च न्यायालय चले गए। पटना उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति पीबी बजंतरी व सुनील दत्त मिश्रा की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए 6 फरवरी को तत्कालीन थानाध्यक्ष पिंटू कुमार पर 1 लाख का जुर्माना लगाया है।
जिसे बिहार सरकार को वसूल कर हर्ष अग्रवाल को देने का सख्त आदेश दिया है। वही उन पर विभागीय कार्रवाई करने तथा उनके वेतन से जुर्माना की राशि वसूलने का भी निर्देश दिया है। बता दें कि उक्त वाहन जब्त करने के साथ ही वह कहां-कहां गयी सबका जीपीएस सिस्टम से लोकेशन निकाल कर शिकायकर्ता ने न्यायालय में प्रस्तुत किया था।
क्या है पूरा मामला
जादोपुर थानाध्यक्ष ने 25 सितंबर को काररिया गांव के समीप काले रंग के एसयूवी कार को पकड़ा था। जिसमें तीन लोग देशी शराब के साथ पाएं गए थे। इस मामलें में पुलिस कार्रवाई करते हुए कार जब्त कर चालक सहित तीन को न्यायालय भेज दिया। जिसके बाद थानेदार ने वाहन जप्त के साथ ही उसका प्रयोग करना शुरू कर दिया।
वाहन स्वामी ने लिया हाईकोर्ट का सहारा
पीड़ित यूपी के कुशीनगर जिले के निवासी हर्ष अग्रवाल ने न्यायालय में सीडब्ल्यूजेसी 16507/24 सचिव उत्पाद बिहार सरकार, कमिश्नर,डीएम, एसपी,उत्पाद अधीक्षक,तत्कालीन थानाध्यक्ष पिंटू कुमार,आईओ आलोक कुमार, व पीएसआई पर दायर किया था। इसके शिकायत के आलोक में उच्च न्यायालय ने यह फैसला सुनाया है।
गोपालगंज से मनान अहमद की रिपोर्ट