केला दुनिया में सबसे ज्यादा खाए जाने वाला फल माना जाता है। यह न सिर्फ एनर्जी का पावर हाउस है, बल्कि शरीर को कई तरह की बीमारियों से बचाता है। केला स्वादिष्ट होने के साथ-साथ आसानी से पचने वाला फल है, जिसे हर उम्र के लोग खा सकते हैं। यह विटामिन, मिनरल्स समेत फाइबर का बेहतरीन सोर्स है। हालांकि ये सभी फायदे तभी हैं, जब केला नेचुरल तरीके से पकाया गया हो। बाजारों में इन दिनों केमिकल से पका केला भी बेचा जा रहा है। इन केलों को खाना शरीर के लिए फायदे की बजाय नुकसानदायक है।
केला है सबसे सस्ता फल
केला साल के 12 महीनों आसानी से मिलने वाला फल है। इसकी गिनती सबसे सस्ते फलों में की जाती है। जिसे आम हो या खास हर कोई खा सकता है। केला में प्रोटीन, कार्ब्स, फाइबर, मैग्नीशियम, कॉपर जैसे जरूरी न्यूट्रिएंट्स पाए जाते हैं। अगर आप केले का नियमित सेवन करते हैं, तो यह कई समस्याओं को दूर कर सकता है।
इन केमिकल्स का होता है इस्तेमाल
भारत में केले को कृत्रिम रूप से पकाने के लिए कई खतरनाक केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है। जैसे कि कैल्शियम कार्बाइड, यह एक केमिकल कंपाउंड है, जिसका केले को जल्दी पकाने के लिए सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। इससे केले का रंग और स्वाद बदल जाता है। एथिलीन रिपेनर, यह एक गैस है, जो केले को जल्दी पकाने के लिए इस्तेमाल की जाती है। सोडियम हाइड्रोक्साइड, यह एक मजबूत अल्कलाइन है, जो केले को पकाने के लिए इस्तेमाल की जाती है। इससे केले का रंग और स्वाद बदल जाता है।
कई हेल्थ प्रॉबलम हो सकते हैं
केमिकल से पके केले देखने नॉर्मल दिखते हैं, लेकिन इनकी ऊपरी सतह पर जमा कर्बाइड और केमिकल पाचन तंत्र से जुड़ी समस्याओं को कारण बन सकता है। अगर कोई लंबे समय तक केमिकल वाले केले को खाता है तो उसे पेट और सांस से जुड़ी समस्या हो सकती हैं। इसके अलावा यह कई गंभीर हेल्थ प्रॉब्लम्स का कारण भी बन सकता है।