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प्रेगनेंसी में इन चीजों से करें परहेज, जानिए सही खानपान की चीजें और आयुर्वेदिक उपाय

गर्भवती महिलाओं को पोषण से भरपूर डाइट, उचित देखभाल की जरूरत होती है। ऐसे में लौकी का जूस, ब्राह्मी और अश्वगंधा का सेवन गर्भवती महिलाओं के लिए लाभकारी है। गर्भावस्था में योग, सकारात्मक सोच और नियमित चेकअप हेल्थ सुरक्षित और स्वस्थ बन सकती है।

प्रेगनेंसी

गर्भावस्था महिलाओं के जीवन का एक महत्वपूर्ण चरण है, जहां सही खानपान और स्वस्थ जीवनशैली बेहद जरूरी हो जाती है। प्रेगनेंसी के दौरान, महिलाओं के शरीर में पोषण की जरूरतें बढ़ जाती हैं। आयुर्वेद, जो प्राचीन भारतीय चिकित्सा प्रणाली है, गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के स्वास्थ्य और शिशु के विकास को बेहतर बनाने में मददगार हो सकता है।


प्रेगनेंसी में क्या खाएं?

गर्भावस्था में आहार को पोषणयुक्त और संतुलित रखना बेहद जरूरी है। स्वामी रामदेव के अनुसार, गर्भवती महिलाओं को निम्नलिखित चीजें अपनी डाइट में शामिल करनी चाहिए:

डेयरी प्रोडक्ट्स: दूध, दही, और पनीर कैल्शियम का अच्छा स्रोत हैं।

हरी पत्तेदार सब्जियां: पालक, मेथी, और सरसों का साग आयरन और फाइबर से भरपूर होते हैं।

ड्राई फ्रूट्स: बादाम, अखरोट, और खजूर एनर्जी देने के साथ ही पोषण प्रदान करते हैं।

ओट्स: यह फाइबर और प्रोटीन का अच्छा स्रोत है।


किन चीजों से बचें?

गर्भावस्था में कुछ चीजों का परहेज करना भी जरूरी है- फास्ट फूड और जंक फूड, स्मोकिंग और एल्कोहल का सेवन, भारी वजन उठाना, अत्यधिक चीनी और नमक वाले खाद्य पदार्थ


आयुर्वेदिक समाधान

स्वामी रामदेव के अनुसार, गर्भवती महिलाओं के लिए आयुर्वेदिक उपाय कई स्वास्थ्य समस्याओं में मदद कर सकते हैं:


लो बीपी: अश्वगंधारिष्ट और अश्वगंधा का दूध के साथ सेवन करें।

यूटीआई और जलन: गोखरु का पानी और अनार के जूस में इलायची और सौंठ का रस मिलाकर पीएं।

हाथ-पैर में सूजन: पुनर्नवा और गोखरु का काढ़ा ठंडा करके पीएं।

सर्दी और जुकाम: गिलोय, तुलसी, और चिरायता का काढ़ा पीएं।


योग और सकारात्मक सोच का महत्व

स्वामी रामदेव हमेशा से "योग-संस्कार" की बात करते हैं। गर्भावस्था में योग से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर रहता है। प्राणायाम, हल्का वर्कआउट, और ध्यान गर्भवती महिला को तनाव से दूर रखने में मदद करते हैं।


रेगुलर चेकअप और अलर्ट रहना जरूरी

गर्भावस्था में नियमित चेकअप कराना और अपनी सेहत पर ध्यान देना बेहद जरूरी है। अगर ब्लीडिंग, पेटदर्द, या लगातार सिरदर्द जैसी समस्याएं हों, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।


निष्कर्ष

गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को अपनी सेहत पर विशेष ध्यान देना चाहिए। सही खानपान, योग, और आयुर्वेदिक उपाय अपनाकर एक स्वस्थ और सुरक्षित गर्भावस्था सुनिश्चित की जा सकती है। जैसा कि स्वामी रामदेव कहते हैं, सही "योग-संस्कार" और पोषण से न केवल गर्भवती महिला, बल्कि शिशु का भी संपूर्ण विकास होता है।


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