कहते हैं कि आलस इंसान का सबसे बड़ा दुश्मन है। यह आलस सुबह उठने से लेकर रात सोने तक कुछ लोगों का पीछा नहीं छोड़ता है। उनमें टालमटोल करने की ऐसी आदत लग जाती है कि कोई भी काम समय पर पूरा नहीं होता है। आलस अपने आप में एक गंभीर समस्या है। आलस न केवल हमारी प्रोडक्टिविटी को कम करता है, बल्कि ये हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर भी गहरा असर डालता है। आलस किसी भी काम को बोझिल बना सकता है। यह एक ऐसी आदत है, जो बने हुए काम को बिगाड़ सकती है।
आलस के कई कारण हो सकते हैं। हर व्यक्ति के हिसाब से कारण अलग-अलग हो सकते हैं। कई बार थकान या मोटिवेशन की कमी के कारण भी काम में मन नहीं लगता और यह आलस का रूप ले लेता है। किसी हेल्थ इशू की वजह से भी ऐसा हो सकता है कि व्यक्ति को काम करने की ऊर्जा और उत्साह महसूस न हो। कई बार यह सिर्फ आलसी स्वभाव के कारण भी होता है।
आलस एक ऐसी बुरी आदत है, जो धीरे-धीरे व्यक्ति की लाइफस्टाइल को प्रभावित करती है। इससे उसकी दिनचर्या पूरी तरह से खराब हो सकती है और जरूरी काम पीछे छूटने लगते हैं। आलसी आदमी के किसी भी काम को मुश्किल और थका देने वाला समझता है। वह शारीरिक रूप से कुछ भी करने से बचता है। इसके कुछ संकेत हैं जिसे हम जानते हैं।
आलसी लोग जरूरी कामों को लगातार टालते रहते हैं। बिना किसी कारण के थकान महसूस करते हैं। किसी काम को करने में उत्साह की कमी होती है। ऐसे लोग काम करने से पहले ज्यादा सोचते हैं। काम के दौरान बार-बार ब्रेक भी लेते हैं। वहीं, आलसी लोग ज्यादातर कामों पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाते हैं, जिसकी वजह से उनका बहुत नुकसान होता है। आलस वाले लोग जिम्मेदारियां से बचने की कोशिश पूरी तरह से करते हैं। इसके साथ ही कामों को लेकर उत्साह एनर्जी की भी इनमें कमी होती है।