एक पागल डॉक्टर का वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है। इस डॉक्टर का नाम रोहित राम है, जो दरभंगा जिले में लोगों को दवा के नाम के पुर्जे देकर भ्रमण करता है। रोहित पहले दिल्ली में एक दवा की दुकान पर काम करता था, लेकिन पिछले सात वर्षों से वह मानसिक रूप से अस्वस्थ है। उसके पिता ने बताया कि उन्होंने उसके इलाज पर काफी धन खर्च किया है। रोहित की दो शादियाँ हो चुकी हैं, लेकिन उसकी पत्नी उसे छोड़कर जा चुकी है। हाल ही में उसके वायरल वीडियो के बाद, उत्तर प्रदेश के गोरखपुर स्थित स्माइल रोटी बैंक नामक संस्था ने उसे इलाज के लिए रेस्क्यू कर लिया है।
सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहे दरभंगा के डॉक्टर का उपचार अब गोरखपुर में किया जाएगा। रोहित राम, जो पिछले सात वर्षों से सड़कों पर घूमकर दवा लिखते आ रहे हैं, की सोशल मीडिया पर कई कहानियाँ चर्चा में हैं। फर्राटेदार अंग्रेजी बोलकर विभिन्न बीमारियों पर सलाह देने वाले रोहित को स्वामी विवेकानंद की जयंती के अवसर पर गोरखपुर की स्माइल रोटी बैंक द्वारा उपचार के लिए सहायता प्रदान की गई है। वायरल डॉक्टर रोहित राम सिमरी थाना क्षेत्र के मिश्रौली गांव के निवासी हैं। रोहित के पिता राम श्रेष्ठराम ने बताया कि रोहित ने सिमरी हाई स्कूल से आठवीं कक्षा तक पढ़ाई की है। वर्ष 2005 में उसका पहला विवाह पंचोभ पंचायत के हरिचन्दा गांव की निवासी छठ्ठू राम की पुत्री पुनीता से हुआ था। उनके एक बेटी भी है, जो अब 19 वर्ष की है और अपने दादा-दादी के साथ रहती है। वर्ष 2013 में रोहित कमाई के लिए दिल्ली चले गए, जहाँ उन्होंने एक दवा की दुकान में काम करना शुरू किया। News4Nation वीडियो की पुष्टि नहीं करता है।
कुछ ही समय बाद, वह फिर से पागलों जैसी हरकतें करने लगा। इसके परिणामस्वरूप, उसके परिजनों ने उसे रांची के मानसिक अस्पताल में भर्ती कराया। इस बीच, उसकी पहली पत्नी ने रोहित राम के छोटे भाई ललित राम से विवाह कर लिया। पांच महीने के उपचार के बाद, जब उसकी स्थिति में सुधार हुआ, तो वर्ष 2016 में रोहित राम ने प्रियंका देवी से दूसरी शादी की। उनसे भी एक बेटा हुआ, लेकिन रोहित राम फिर से पागलों की तरह अजीब हरकतें करने लगा। अपने और बच्चों के भरण-पोषण के लिए, उसकी दूसरी पत्नी तीन साल पहले बेटे के साथ चली गई।
सूचना के अनुसार, रोहित पिछले सात वर्षों से सड़कों पर घूम रहा है। रोहित राम का परिवार भूमिहीन है और पूरा परिवार दैनिक मजदूरी करके किसी तरह जीवन यापन कर रहा है। अब उनके पास रोहित के इलाज के लिए पैसे नहीं हैं। वे भी निराश हो चुके हैं, रोहित सड़कों पर पागलों की तरह घूमता है, लेकिन उसका उपचार नहीं हो पा रहा है।