NALANDA - आए दिन अस्पताल की लापरवाही की खबर देखने और सुनने को मिलती है। मगर नालंदा जिला के एक अस्पताल ने अनोखी पहल की जो स्थानीय लोगों में चर्चा का विषय बन गया। इस कार्य में अस्पताल कर्मियों के साथ साथ स्थानीय लोगों ने भी साथ दिया।
बच्चे का नाम रखा गया संघर्ष
दरअसल सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र परवलपुर में अस्पताल बनने के बाद यहाँ जन्मे पहले नवजात की ख़ुशी में डॉक्टर व कर्मियों ही नहीं बल्कि जनप्रतिनिधियों और स्थानीय लोगों की भागेदारी दिखी। लोगों ने बच्चे का नामाकरण करते हुए उसका नाम संघर्ष रखा।र इसपर नवजात के माता पिता ने भी सहमति जतायी।
परवल प्रखंड से आई थी महिला
परवलपुर प्रखंड की धर्मेंद्र रविदास की पत्नी ममता कुमारी को प्रसव पीड़ा के बाद इस अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां तैनात डॉ. महेश कृष्ण व डॉ. गोपाल की देखरेख में महिला का सुरक्षित सामान्य प्रसव कराया गया। नवजात के जन्म लेते ही लोगो ने एक दूसरे को मिठाई खिलाकर बधाई दी।
महिला को अगले दिन नाम काटने के बाद जब विदाई दी गयी तो अस्पताल प्रबंधन एवं नागरिकों ने गाजे-बाजे के साथ विदाई दी । विदाई के मौके पर नवजात की मां को चांदी का कटोरा चम्मच , साड़ी व बच्चे को खिलौना, व कीट उपहार भेंट किया गया ।
अस्पताल में जन्मे पहले बच्चे को देखने उमड़ी भीड़
नन्हे मेहमान के स्वागत में आयोजित इस कार्यक्रम को देखने के लिए अस्पताल में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी । उप मुख्य पार्षद अक्षय कुमार ने बताया कि सोमवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र विधिवत चालू हुआ। इसके बाद इस अस्पताल में यह पहला प्रसव है। पहले लोगों को इलाज के लिए काफी दूर जाना पड़ता था। इस अस्पताल के बन जाने से दर्जनों गांव के लोगों को फायदा होगा। मौके पर पूजा समिति के अध्यक्ष पंकज कुमार,मनीष कुमार, पप्पू कुमार, मधुरंजन, ज्योति कुमार व अन्य मौजूद थे।
REPORT - PRANAY RAJ