बिहार में छठ पर्व का बहुत महत्व है। ये पर्व चार दिन चलता है। इस दौरान सूर्य देव और छठी मैया की पूजा-अर्चना की जाती है। इस दिन महिलाएं या पुरुष अपनी संतान की खुशहाली, और अपने से जुड़े लोगों के जीवन में खुशी बनी रही इसकी कामना करते हुए निर्जला व्रत रखती हैं। किसी नदी,तालाब या पानी वाली जगह पर जाकर छठ की पूजा की जाती है। इस दौरान भक्त सूर्य को अर्घ्य देते हैं। साथ ही इस पर्व पर कई तरह-तरह की फल, मिठाइयां और पकवान प्रसाद के तौर पर बनाए जाते हैं। अगर आप पहली बार इस व्रत को रख रहे हैं, तो कुछ बातों का ध्यान रखें। इसके साथ ही जो पहले से भी छठ व्रत करते आ रहे हैं, वो भी इन चीजों को फॉलो कर सकते हैं।
व्रत रखने से पहले और खोलने के बाद शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए नारियल पानी पिएं। ऐसे फूड्स का सेवन करें जिससे शरीर को हाइड्रेट रखने में मदद मिल सके। खासकर व्रत के पहले ताकि अगले 36 घंटों तक निर्जला व्रत के दौरान शरीर डिहाइड्रेट न हो। व्रत के दौरान भूखे रहते हैं ऐसे में व्रत खोलने के बाद हैवी खाना न खाएं, बल्कि इसकी जगह आप हल्की चीजों का सेवन करें। भारी खाना खाने से पाचन पर असर पड़ता है और हैवी खाना तला-भूना और मसालेदार खाने से पाचन खराब हो सकता है।
व्रत के पहले और बाद ऐसी चीजों का सेवन करने से बचें जिससे खाने से पेट में एसिडिटी की समस्या हो। बीन्स, पत्ता गोभी और कई तरह की दाल और राजमा शरीर पेट में एसिड बनाने का काम करते हैं, ऐसे में व्रत के पहले और बाद में पेट में एसिड बनाने वाली चीजों का परहेज करें। निर्जला व्रत रखने के एक दिन पहले आप चाय और कॉफी का ज्यादा सेवन करने से बचें। खासकर खाली पेट क्योंकि इसके कारण भी एसिडिटी की समस्या हो सकती है।
व्रत के दौरान ज्यादा भाग-दौड़ वाले काम ना करें, क्योंकि इससे शरीर जल्दी थक जाता है। इसके कारण कमजोरी आ सकती है। चक्कर या फिर किसी तरह की समस्या का सामना करना पड़ सकता है, इसलिए कोशिश करें आराम करें और ज्यादा एनर्जी वाले काम न करें।