Bihar Teacher: जमुई में शिक्षकों की ई-हाजिरी पर पाई गई गड़बड़ी, 12 स्कूलों पर DEO का एक्शन, 48 घंटे में मांगा जवाब, ने देने पर नौकरी से धोना पड़ेगा हाथ
Bihar Teacher: जमुई के सोनो प्रखंड में 12 विद्यालयों के शिक्षकों की ई-शिक्षाकोष उपस्थिति जांच में मिली गड़बड़ियां। कई सेल्फी नॉट सिंक्ड, अनुपस्थिति दर्ज नहीं, DEO ने सभी प्रधानाध्यापकों से 48 घंटे में मांगा जवाब।

Bihar Teacher: जिला शिक्षा पदाधिकारी, जमुई के निर्देश पर ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर शिक्षकों की रैंडम उपस्थिति जांच की गई। जांच में सोनो प्रखंड के 12 स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति संबंधी कई गड़बड़ियां सामने आईं, जिनमें कई तरह की ग़लतियां पाई गईं, जैसे- उपस्थिति समय पर दर्ज नहीं की गई। सेल्फी के बजाय कमरे या विद्यालय की तस्वीर अपलोड की गई। कई सेल्फी “Not Synced” पाई गईं। छुट्टी ली गई लेकिन रिकॉर्ड पोर्टल पर दर्ज नहीं है। दूसरे शिक्षक की फोटो अपलोड कर उपस्थिति दिखाई गई।
किस स्कूल में क्या गड़बड़ी पाई गई?
विद्यालय का नाम शिक्षक का नाम गड़बड़ी
उत्क्रमित मध्य विद्यालय मानधाता पंकज कुमार पूरे माह ऑन ड्यूटी, कोई प्रमाण नहीं
सबेजोर कंतलाल सिंह 16, 17 मई की सेल्फी Not Synced
सबेजोर रवि कुमार दो दिन 'इन', तीन दिन 'आउट' सेल्फी गायब
टहकार सुनील कुमार 15,16,17,19 मई सेल्फी Not Synced
बरियारपुर अब्दुल्लाह अंसारी उपस्थिति विलंब से दर्ज
बरियारपुर सुमायला प्रवीण अनुपस्थिति और देर से हाजिरी
खोटवा श्यामलाल यादव कमरे की फोटो अपलोड, उपस्थिति अधूरी
खोटवा कंचन प्रभाकर गैरहाजिरी, दूसरे शिक्षक की सेल्फी
खोटवा चांदनी कुमारी सेल्फी और समय नहीं
पनारी प्रदीप यादव Out सेल्फी गायब
भेलवा फैजल कामरान Out सेल्फी मिसिंग
रक्तरोहनियां (प्लस टू) आफरीन निगार अधिकांश सेल्फी Not Synced
DEO की सख्त टिप्पणी
जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (योजना एवं लेखा), जमुई ने कहा: गड़बड़ियों से स्पष्ट है कि शिक्षकों को प्रधानाध्यापकों का संरक्षण प्राप्त है। यह स्थिति बेहद अफसोसजनक है।उन्होंने सभी प्रधानाध्यापकों को निर्देश दिया है कि 48 घंटे के अंदर स्पष्टीकरण प्रस्तुत करें। साथ ही, शिक्षकों से व्यक्तिगत जवाब भी लिया जाएगा।
ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर निगरानी की जरूरत
ई-शिक्षाकोष पोर्टल डिजिटल उपस्थिति दर्ज करने की एक पारदर्शी व्यवस्था है, जिसमें इन और आउट टाइम के साथ सेल्फी अपलोड की जाती है।यह सिस्टम क्लाउड बेस्ड होती है, जिससे प्रशासन वास्तविक समय में निगरानी कर सकता है। नॉट सिंक्ड सेल्फी पोर्टल से अपलोड ना होने या नेटवर्क समस्या के कारण होती है, लेकिन नियमित रूप से ऐसा होना कदाचार की आशंका को जन्म देता है।