सीमा की उड़ान: छोटी उम्र में शादी से इंकार कर बनीं मुसहर समुदाय की पहली ANM, लोगों के लिए कायम की मिसाल
जमुई के कटका महादलित टोला की सीमा मांझी ने साबित कर दिया है कि अगर हिम्मत हो तो मुश्किलें भी हार मान लेती हैं। ऐसे समाज से निकलकर जहां बेटियों की शादी कम उम्र में कर दी जाती है, उन्होंने न सिर्फ अपनी पढ़ाई पूरी की बल्कि नर्स बनकर एक नई मिसाल कायम की

"अगर हौसला हो तो मुश्किलें भी हार मान लेती हैं।" बिहार के जमुई जिले के कटका महादलित टोला की सीमा मांझी ने यह साबित कर दिखाया है। ऐसे समाज से निकलकर जहां बेटियों की शादी कम उम्र में कर दी जाती है, उन्होंने न सिर्फ अपनी पढ़ाई पूरी की बल्कि नर्स बनकर एक नई मिसाल भी कायम की।
सीमा का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ। उनके पिता मोहन मांझी दिहाड़ी मजदूर हैं, जबकि मां कुंती देवी सरकारी स्कूल में रसोइया का काम करती हैं। उनके समाज में बेटियों की शादी कम उम्र में कर दी जाती है, पढ़ाई पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता। सीमा के लिए भी यही फैसला लिया गया। जब उन्होंने इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी की तो उनके माता-पिता ने शादी की तैयारी शुरू कर दी। लेकिन सीमा ने साफ शब्दों में मना कर दिया। उन्होंने कहा, "जब तक मैं अपने पैरों पर खड़ी नहीं हो जाती, तब तक शादी नहीं करूंगी।"
सीमा हमेशा से डॉक्टर बनना चाहती थीं, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण उनका यह सपना पूरा नहीं हो सका। फिर भी उन्होंने एएनएम (ऑक्सीलरी नर्सिंग मिडवाइफ) का कोर्स किया और नर्स बन गईं। आज सीमा एक निजी अस्पताल में काम कर रही हैं और अपने गांव और आस-पास के लोगों को मुफ्त चिकित्सा सेवा दे रही हैं। वह अपने समाज की बेटियों को शिक्षा के महत्व को समझाने का काम भी कर रही हैं, खास तौर पर उनकी तरक्की के लिए।
सीमा की सफलता इसलिए भी खास है क्योंकि वह महादलित मुसहर समुदाय की पहली बेटी हैं, जिसने यह मुकाम हासिल किया है। उन्होंने कम उम्र में शादी करने से इनकार करके अपने सपनों को पूरा किया। आज वह गांव और आस-पास के लोगों को मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं देकर समाज की सेवा कर रही हैं। वह बेटियों को पढ़ाई के लिए भी प्रेरित कर रही हैं, ताकि और लड़कियां तरक्की कर सकें।
सीमा कहती हैं, "हमारे समाज में लड़कियों को पढ़ाया नहीं जाता, उनकी कम उम्र में शादी कर दी जाती है। मैंने तय किया था कि पहले मैं अपने पैरों पर खड़ी हो जाऊंगी, फिर शादी की बात करूंगी। मेरी यह छोटी सी जीत हमारे समाज की हर बेटी के लिए प्रेरणा बनेगी।"