Bihar Jehanabad News: भारत में बिहार और उत्तर प्रदेश को अक्सर अपराध के गढ़ के रूप में देखा जाता है, लेकिन इसी बिहार में एक ऐसा गांव भी है, जहां से आज तक कोई भी मामला थाना या कोर्ट तक नहीं पहुंचा है। यह अनोखा गांव है धौताल बिगहा, जो जहानाबाद जिले के घोसी प्रखंड में स्थित है। धौताल बिगहा गांव के शांतिप्रिय लोग हर विवाद को आपस में सुलझा लेते हैं, जिससे इस गांव को एक आदर्श गांव के रूप में देखा जाता है।
धौताल बिगहा की विशेषताएं
धौताल बिगहा गांव, लखावर पंचायत का हिस्सा है और इसकी कुल आबादी लगभग 700 है। गांव की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यहां के लोग स्वतंत्रता के बाद से अब तक किसी भी विवाद के लिए थाने नहीं गए हैं। विवाद की स्थिति में भी गांव के बुजुर्ग और ग्रामीण आपसी सहमति से मामले को सुलझा लेते हैं, जिससे कोई भी मामला कानूनी विवाद तक नहीं पहुंचता।
बकरी विवाद से बना एक अनूठा नियम
गांव के लोग बताते हैं कि 1972-73 के दौरान बकरी को लेकर एक दूसरे गांव से विवाद हो गया था। इस विवाद ने गांव के बुजुर्गों को यह निर्णय लेने पर मजबूर कर दिया कि वे बकरी पालन पूरी तरह से बंद कर देंगे। यह फैसला सर्वसम्मति से लिया गया, और केवल आठ दिनों के अंदर ही गांव के सभी लोग बकरी पालन करना छोड़ दिए। यह गांव के लोगों की एकता और विवाद सुलझाने की मिसाल है, जो आज भी कायम है।
निर्विरोध चुने जाते हैं पंच और वार्ड सदस्य
धौताल बिगहा गांव में पंच और वार्ड सदस्य बिना किसी विरोध के चुने जाते हैं। यहां लगभग 100 घर हैं, और गांव के चुनावों में भी किसी प्रकार की प्रतिस्पर्धा या विरोध नहीं होता। ग्रामीण एकजुटता का यह उदाहरण गांव को एक आदर्श स्थान बनाता है, जहां लोग सामाजिक सद्भावना के साथ रहते हैं।
विकास की कमी पर ग्रामीणों की चिंता
गांव के पंचायत समिति सदस्य संजय कुमार ने बताया कि धौताल बिगहा गांव में अब तक किसी भी विवाद ने थाना या कोर्ट का रुख नहीं किया है, जो गांव की सराहनीय परंपरा को दर्शाता है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि गांव में विकास कार्यों की कमी है। विशेष रूप से सड़कें खराब स्थिति में हैं, और अब तक किसी जनप्रतिनिधि ने गांव के विकास के लिए कोई फंड नहीं दिया है। गांव में जो भी विकास हुआ है, वह स्थानीय स्तर पर जुटाए गए फंड के माध्यम से हुआ है।
धौताल बिगहा गांव में आपसी सामंजस्य
धौताल बिगहा गांव ने आपसी सामंजस्य और शांतिपूर्ण समाधान की एक अद्भुत मिसाल पेश की है। जहां पूरे देश में कानूनी विवादों की संख्या बढ़ती जा रही है, वहीं यह गांव यह दर्शाता है कि आपसी समझ और बुजुर्गों की मदद से किस प्रकार हर विवाद का समाधान संभव है। हालांकि, गांव के लोगों ने अपने विकास के लिए अभी और प्रयास करने की जरूरत महसूस की है।