वोट मांगने गांव में गए विधायक से ग्रामीणों ने मांगा पांच साल का हिसाब, बिना जवाब दिए लौटे वापस
Jahanabad - बिहार विधानसभा चुनाव में दोनों गठबंधन के मौजूदा विधायकों को अपने ही क्षेत्र में विरोध का सामना करना पड़ रहा है। लोग पूछ रहे हैं कि आखिर पांच साल में उन्होंनो क्या किया, जिसका जवाब देना उन्हें मुश्किल हो रहा है।
जहानाबाद जिले के घोसी से प्रत्याशी बने भाकपा (माले) विधायक रामबली यादव भी इनमें शामिल हैं। जिन्हें अपने ही क्षेत्र की जनता के विरोध का सामना करना पड़ा। हालत यह रही कि विधायक को गांव में घुसने तक नहीं दिया गया। जिसका वीडियो वायरल हो रहा है।
गांव के बाहर ही विधायक को रोक दिया
जानकारी के अनुसार, विधायक रामबली यादव चुनाव प्रचार के लिए साहो बिगहा (पुरनका बिगहा) गांव पहुंचे थे। जैसे ही ग्रामीणों को इसकी जानकारी मिली, वे गांव के बाहर जमा हो गए और विधायक के प्रवेश का विरोध करने लगे। समर्थकों ने ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की, लेकिन लोग पीछे हटने को तैयार नहीं हुए।
बिना जवाब दिए लौटे वापस
ग्रामीणों ने कहा कि वे “पहले 5 साल का हिसाब दो” की मांग कर रहे थे। लोगों का आरोप था कि विधायक ने पांच साल के कार्यकाल में कोई ठोस विकास कार्य नहीं कराया। बढ़ते विरोध को देखते हुए रामबली यादव और उनके समर्थकों को गांव से लौटना पड़ा।
हर जगह हो रहा विरोध
यह विरोध केवल साहो बिगहा तक सीमित नहीं है। घोसी विधानसभा क्षेत्र के कई इलाकों में विधायक को इसी तरह जनता के गुस्से का सामना करना पड़ रहा है। कुछ दिन पहले एक और वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें लोग विधायक के खिलाफ नारेबाजी करते नजर आए थे।
‘रिपोर्ट कार्ड’ से जनता नाखुश
बता दें कि कुछ दिन पहले ही विधायक रामबली यादव ने अपने कार्यकाल का “पांच वर्षों का रिपोर्ट कार्ड” जारी किया था। इसमें उन्होंने विकास कार्यों का ब्योरा दिया था, लेकिन लगता है कि जनता उस रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं है। ग्रामीणों का कहना है कि कागज़ पर दिखाए गए विकास की झलक जमीनी स्तर पर नहीं दिखती।
चुनाव में हो सकता है नुकसान
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यदि यह विरोध इसी तरह जारी रहा तो आगामी 11 नवंबर को होने वाले मतदान में विधायक को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। अब देखना यह होगा कि बड़े नेताओं की सभाओं और प्रचार अभियानों से क्या इस नाराजगी को कम किया जा सकता है या नहीं।