Bihar Crime: कटिहार में अपहरण और फिरौती का खेल ख़त्म, पुलिस ने पांच बदमाशों को किया गिरफ्तार, टोटो चालक सकुशल हुआ बरामद
Bihar Crime: एक साधारण टोटो चालक युवक को अपहरण कर उसके परिजनों से एक लाख रुपये की फिरौती माँगी गई। मगर अपराधियों की चालाकी, पुलिस की पैनी नज़र के आगे टिक न सकी।

Katihar: कटिहार ज़िले के फलका थाना क्षेत्र में गुरुवार की रात एक सनसनीखेज़ वारदात ने पुलिस महकमे को अलर्ट कर दिया। एक साधारण टोटो चालक युवक को अपहरण कर उसके परिजनों से एक लाख रुपये की फिरौती माँगी गई। मगर अपराधियों की चालाकी, पुलिस की पैनी नज़र के आगे टिक न सकी। नतीजा पांच अपहरणकर्ता हथकड़ी में जकड़े गए और अपहृत युवक अपने घरवालों की बाहों में लौट आया।
घटना की शुरुआत तब हुई, जब फलका थानाध्यक्ष को गुप्त सूचना मिली कि चार से पाँच अपराधी एक टोटो चालक को किडनैप कर मोबाइल फोन के ज़रिये फिरौती की माँग कर रहे हैं। अपहरणकर्ताओं ने परिजनों को धमकाया और फोन पे के माध्यम से रकम भेजने का आदेश दिया। दहशतज़दा परिजनों ने पहले ही अपराधियों के बताए खाते में 15 हज़ार रुपये ट्रांसफर कर दिए थे, लेकिन पुलिस ने इस सिलसिले को यहीं ख़त्म करने की ठान ली।
पुलिस अधीक्षक शिखर चौधरी ने फलका थाना में आयोजित प्रेस वार्ता में पूरे घटनाक्रम का पर्दाफ़ाश किया। उन्होंने बताया कि मामले को गंभीरता से लेते हुए अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (सदर-2) के नेतृत्व में एक विशेष छापेमारी टीम गठित की गई। इस टीम ने वैज्ञानिक अनुसंधान और तकनीकी साक्ष्यों की मदद से अपराधियों की लोकेशन ट्रेस की। कुछ ही घंटों में पुलिस ने अपराधियों के ठिकाने पर धावा बोला और अपहृत युवक को सुरक्षित मुक्त करा लिया। मौके से पाँच कुख्यात अपराधियों को धर दबोचा गया। उनके पास से तीन देशी पिस्तौल, दो ज़िंदा कारतूस और अन्य आपराधिक सामग्री बरामद हुई।
एसपी चौधरी के अनुसार, गिरफ्तार अपराधियों के पुराने आपराधिक इतिहास की भी जाँच की जा रही है। प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया कि ये गिरोह पहले भी लूट, चोरी और रंगदारी की वारदातों में शामिल रहा है। पुलिस को शक है कि इनके तार अन्य जिलों में सक्रिय गिरोहों से भी जुड़े हो सकते हैं। पुलिस की इस त्वरित कार्रवाई ने न सिर्फ़ एक मासूम की जान बचाई, बल्कि अपराधियों के हौसले को भी ठंडा कर दिया। स्थानीय लोगों ने इस सफलता पर पुलिस टीम की सराहना करते हुए कहा—"अगर इसी तरह पुलिस तत्पर रहे, तो अपराधी सोचने पर मजबूर होंगे कि अपराध का रास्ता आख़िरकार जेल के दरवाज़े तक ही जाता है।"
कटिहार से श्याम की रिपोर्ट