Bihar RPF SI becomes trouble shooter: मौत से आँखें मिलाकर सब-इंस्पेक्टर ने बचाईं सैकड़ों ज़िंदगियाँ, कंचनजंघा एक्सप्रेस के यात्रियों ने कहा- पहली बार देखा है वर्दी में हिम्मत, आँखों में जुनून और दिल में फ़र्ज़ का जज़्बा

Bihar RPF SI becomes trouble shooter: सियालदह से गुवाहाटी की ओर जा रही कंचनजंघा एक्सप्रेस अचानक पुल पर थम गई। तेज़ हवा, नीचे गहरी खाई और ऊपर लोहे की पटरियों पर खड़ी ट्रेन हर यात्री के दिल में खौफ़ और बेचैनी घर कर गई। ...

Sub Inspector Saves Hundreds Faces Death to Protect Kanchanj
मौत से आँखें मिलाकर सब-इंस्पेक्टर ने बचाईं सैकड़ों ज़िंदगियाँ- फोटो : reporter

Bihar RPF SI becomes trouble shooter: सियालदह से गुवाहाटी की ओर जा रही कंचनजंघा एक्सप्रेस अचानक पुल पर थम गई। तेज़ हवा, नीचे गहरी खाई और ऊपर लोहे की पटरियों पर खड़ी ट्रेन हर यात्री के दिल में खौफ़ और बेचैनी घर कर गई। वजह थी बोगी का खुला हौज पाइप, जो किसी बड़े हादसे को दावत दे रहा था।कटिहार रेल मंडल के बारसोई सुधानी रेल पुल पर वह मंजर किसी भी पल दिल दहला देने वाला साबित हो सकता था। 

पुल पर अफरा-तफरी थी, यात्रियों की निगाहें सवाल पूछ रही थीं कि अब क्या होगा? बच्चे सहमे हुए थे, बुज़ुर्ग दुआ कर रहे थे। उसी लम्हे, आरपीएफ पोस्ट बारसोई में तैनात सब-इंस्पेक्टर अजीत कुमार सामने आए, वर्दी में हिम्मत, आँखों में जुनून और दिल में फ़र्ज़ का जज़्बा। उन्होंने हालात को परखा और बिना एक पल गंवाए वह फ़ैसला लिया, जो हर कोई नहीं ले पाता।

जान की परवाह किए बिना, ऊँचे सुधानी पुल पर चढ़कर, संकरी जगह में रेंगते हुए, उन्होंने खुले हौज पाइप तक पहुँचने का बीड़ा उठाया। नीचे बहती हवा और ऊपर खड़ी ट्रेन हर क़दम पर ख़तरा था। मगर अजीत कुमार का हौसला किसी चट्टान से कम न था। उनके साथ मौजूद रेलकर्मियों ने भी पूरी तत्परता से सहयोग किया कोई औज़ार थामे, कोई इशारों में हौसला बढ़ाते हुए।

काफी मशक्कत, पसीने और दुआओं के बाद आखिरकार वह लम्हा आया खुला हौज पाइप दुरुस्त किया गया। जैसे ही तकनीकी समस्या दूर हुई, कंचनजंघा एक्सप्रेस ने फिर से रफ्तार पकड़ी। यात्रियों की साँसों में राहत लौटी, तालियों की गूंज और शुक्रिया की आवाज़ें पुल पर फैल गईं।

इस साहसिक कार्रवाई का वीडियो सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल रहा है। लोग सब-इंस्पेक्टर अजीत कुमार और रेलकर्मियों की बहादुरी, ज़िम्मेदारी और इंसानियत की खुलकर तारीफ़ कर रहे हैं। यह सिर्फ़ एक ट्रेन को आगे बढ़ाने की कहानी नहीं यह उस फ़र्ज़ की दास्तान है, जो वर्दी पहनने के साथ दिल में उतर जाता है, और मुश्किल घड़ी में सैकड़ों ज़िंदगियों की हिफ़ाज़त बन जाता है।

रिपोर्ट- श्याम कुमार सिंह