बड़हिया खेल मैदान बन गया 'तालाब', फिजिकल तैयारी कर रहे युवाओं का अधर में लटका भविष्य, अधिवक्ता मृणाल माधव ने उपमुख्यमंत्री को लिखा पत्र

हजारों युवाओं के खेलने और पुलिस-सैन्य सेवा के विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की फिजिकल तैयारी करने का एक मात्र बड़हिया खेल मैदान बारिश में तालाब बन गया है. इसे लेकर अधिवक्ता मृणाल माधव ने आवाज उठाई है.

Barhiya sports ground
Barhiya sports ground- फोटो : news4nation

Bihar News: बड़हिया प्रखंड में खेल से जुड़ी बुनियादी संरचनाओं की भारी कमी को लेकर अब स्थानीय युवाओं की नाराजगी बढ़ती जा रही है। इस मुद्दे को गंभीरता से उठाते हुए अधिवक्ता मृणाल माधव ने बिहार सरकार के उपमुख्यमंत्री एवं लखीसराय विधायक विजय कुमार सिन्हा को पत्र लिखकर बड़हिया में एक समुचित खेल परिसर के त्वरित निर्माण की मांग की है।


पत्र में मृणाल माधव ने स्पष्ट किया है कि बड़हिया नगर परिषद होने के बावजूद राज्य सरकार की खेल योजनाओं से लगभग पूरी तरह वंचित है। यहां युवाओं में खेल के प्रति उत्साह तो है, लेकिन खेलने के लिए समुचित सुविधाएं नहीं हैं। वर्तमान में केवल एकमात्र उच्च विद्यालय का मैदान ही उपलब्ध है, जो न तो समतल है और न ही वहां बिजली, पानी, प्रकाश व्यवस्था, शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाएं हैं।


सबसे बड़ी समस्या यह है कि थोड़ी सी वर्षा होते ही मैदान में जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। विशेषकर बरसात के दिनों में तो पूरा मैदान पानी से भर जाता है और जलनिकासी की कोई समुचित व्यवस्था नहीं है, जिससे युवाओं को खेल अभ्यास में भारी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। यह स्थिति न केवल उनके शारीरिक विकास को बाधित करती है, बल्कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए भी एक बड़ी बाधा बनती जा रही है।

मृणाल माधव ने यह भी बताया कि वे व्यक्तिगत स्तर पर ‘MaMri Foundation’ के माध्यम से युवाओं को खेल सामग्री जैसे स्पोर्ट्स जर्सी, जंप मैट, वेट्स, हैंडल, शॉटपुट आदि उपलब्ध करा रहे हैं, लेकिन संसाधनों की सीमाएं हैं। उनका कहना है कि जब तक सरकारी स्तर पर ठोस कदम नहीं उठाया जाएगा, तब तक यह प्रयास पर्याप्त नहीं हो सकते।

उन्होंने उपमुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि बड़हिया में जल्द से जल्द एक समुचित खेल परिसर का निर्माण कराया जाए, जिसमें खेल मैदान, प्रकाश व्यवस्था, पेयजल, शौचालय, जलनिकासी और अन्य बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं। यह केवल एक ढांचा नहीं, बल्कि सैकड़ों युवाओं के सपनों को पंख देने का माध्यम बनेगा। अधिवक्ता मृणाल माधव ने अंत में यह भी कहा कि यह विषय अब केवल विकास का नहीं, बल्कि सम्मान और भरोसे का भी बन चुका है। उन्होंने उपमुख्यमंत्री से शीघ्र, ठोस और सकारात्मक कार्रवाई की अपील की है।


कमलेश की रिपोर्ट