नीतीश सरकार को कृषि विकास समिति की चेतावनी, गैर मजरुआ जमीन की चालू करें रजिस्ट्री अन्यथा चुनाव में सिखाएंगे सबक

Bihar News: गैर मजरुआ जमीन की रजिस्ट्री चालू करने की मांग को लेकर बुधवार को कृषि विकास समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक लखीसराय के बड़हिया के हाहा बंगला में आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता मसूदन सिंह ने की। इसमें संयोजक संजीव कुमार, कोषाध्यक्ष रामनारायण सिंह समेत समिति के सभी सदस्य उपस्थित रहे। बैठक में चर्चा हुई कि बिहार सरकार ने पूरे प्रदेश में गैर मजरुआ खास जमीन की रजिस्ट्री पर रोक लगा रखी है। पटना जिले में 2012 से और लखीसराय जिले में 2016 से रजिस्ट्री बंद है। जबकि इससे पहले तक इन जमीनों की रजिस्ट्री सामान्य रूप से होती थी। किसानों ने कहा कि विडंबना यह है कि जिस जमीन को सरकार ने गैर मजरुआ खास बताकर रजिस्ट्री पर रोक लगा दी, उसी जमीन का लगान (राजस्व) आज भी सरकार नियमित रूप से वसूल रही है।
इस विरोधाभास पर नाराजगी जताते हुए किसानों ने मांग की कि यदि सरकार लगान ले रही है तो रजिस्ट्री की प्रक्रिया भी तत्काल चालू करनी होगी। समिति के सदस्य श्यामनंदन सिंह ने बताया कि यह तीसरी बैठक हाहा बंगला में आयोजित की गई है। उन्होंने कहा कि अगली बैठक 14 सितम्बर को श्रीधर सेवा आश्रम में होगी, जहाँ आंदोलन की रूपरेखा तय की जाएगी।
बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि यदि सरकार ने किसानों की इस मांग पर ध्यान नहीं दिया तो आंदोलनात्मक रुख अपनाया जाएगा। चरणबद्ध तरीके से प्रखंड, जिला और राज्य स्तर पर धरना-प्रदर्शन, सड़क जाम और पटना मार्च जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। समिति के संयोजक संजीव कुमार ने कहा कि “गैर मजरुआ जमीन की रजिस्ट्री बंद होने से गरीब किसानों और आम लोगों को भारी परेशानी हो रही है। सरकार एक तरफ लगान वसूल रही है, दूसरी तरफ रजिस्ट्री रोक रखी है—यह दोहरी नीति बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
नेताओं को साफ चेतावनी दी कि “अगर सरकार ने तुरंत रजिस्ट्री की प्रक्रिया चालू नहीं की, तो आने वाले विधानसभा चुनाव में जनता इसका करारा जवाब देगी और सरकार को खामियाजा भुगतना पड़ेगा।”
कमलेश की रिपोर्ट