Prashant Kishor: लखीसराय में बोले प्रशांत किशोर-'चिराग को अगर एनडीए सरकार से दुख है तो अलग हो जाएं'

Prashant Kishor: लखीसराय में जनसभा के दौरान प्रशांत किशोर ने चिराग पासवान और तेज प्रताप यादव पर चुटकी ली। साथ ही जनता से अपील की कि चेहरे नहीं, अपने बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखकर वोट दें।

Prashant Kishor
प्रशांत किशोर का बड़ा बयान- फोटो : social media

Prashant Kishor: जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर रविवार को अपनी बिहार परिवर्तन यात्रा के क्रम में लखीसराय के सूर्यगढ़ा पहुंचे। यहां आयोजित जनसभा में उन्होंने बिहार की राजनीति, कानून व्यवस्था और नेताओं की भूमिका पर तीखा प्रहार किया। एनडीए सहयोगी दलों की स्थिति, चिराग पासवान के बयानों और तेज प्रताप यादव की राजनीतिक शैली पर भी उन्होंने खुलकर राय दी।

चिराग पासवान को दी सलाह-'अगर सरकार से दुख है, तो अलग हो जाएं'

प्रशांत किशोर ने लोजपाआर नेता चिराग पासवान के उस बयान पर तंज कसा जिसमें उन्होंने कहा था – “मुझे दुख है कि मैं इस सरकार का हिस्सा हूं।” इस पर पीके ने कहा कि जो भी बिहार की चिंता करता है, वो बढ़ते अपराध और भ्रष्टाचार का समर्थन नहीं कर सकता है। जनता का दबाव इतना है कि अब एनडीए के सहयोगी दल भी बोलने को मजबूर हैं। लेकिन यदि चिराग को सच में बिहार की कानून व्यवस्था से दुख है, तो उन्हें सरकार से बाहर आ जाना चाहिए। उन्होंने दो टूक कहा कि एक साथ सत्ता का हिस्सा बने रहना और फिर उसी सत्ता की आलोचना करना जनता के साथ धोखा है। उन्होंने चिराग से आग्रह किया कि अगर वह सच में जनता की चिंता करते हैं, तो जनता की आवाज बनें।

तेज प्रताप यादव की पीली टोपी पर चुटकी

आरजेडी के पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव की हालिया गतिविधियों और पीली टोपी पहनने के ट्रेंड को लेकर पूछे गए सवाल पर प्रशांत किशोर ने हंसते हुए चुटकी ली। उन्होंने कहा कि जो भी पीली टोपी पहन ले, जरूरी नहीं कि वह जन सुराज में ही आ जाए। लेकिन यह सवाल तेज प्रताप से पूछना चाहिए कि वह कब हरा पहनेंगे और कब पीला। जन सुराज का रंग पीला है, जिसे इस रंग में रंगना है, वह रंग जाए।इस बयान को कई लोग एक राजनीतिक ऑफर या आमंत्रण के तौर पर भी देख रहे हैं।

नेताओं का चेहरा नहीं, अपने बच्चों का भविष्य देखें

सूर्यगढ़ा में आयोजित जनसभा में प्रशांत किशोर ने जनता से अपील की कि इस बार वोट सोच-समझकर करें। उन्होंने कहा कि आपके और आपके बच्चों को लूटने वाले नेताओं को वोट न दें। चाहे वो लालू हों, नीतीश हों या मोदी। अब समय आ गया है कि चेहरे देखकर वोट देना बंद करें और अपने बच्चों की शिक्षा और रोजगार के लिए वोट करें। यही सच्चा जन सुराज होगा।उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बिहार में अब जनता का राज चाहिए, नेताओं का नहीं।